ममता के सामने झुका इलेक्शन कमिशन, लेना पड़ा उपचुनाव का फैसला
डेस्क: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अपने प्रतिद्वंदी शुभेंदु अधिकारी से नंदीग्राम सीट पर हारने के बाद भी ममता बनर्जी राज्य की मुख्यमंत्री बनी थी। लेकिन इस पद पर बने रहने के लिए आवश्यक था कि छः महीने के भीतर राज्य में उप चुनाव करवाए जाएं और इसमें जीतकर वह विधानसभा की सदस्यता लें। लेकिन अब तक इसके आसार काफी कम दिख रहे थे।
आज इलेक्शन कमीशन द्वारा पश्चिम बंगाल में उप चुनाव की तारीखों की घोषणा करने के बाद अब ममता बनर्जी चैन की सांस ले सकती हैं। अब उपचुनाव में किसी एक सीट से खड़ी होकर जीत हासिल कर वह मुख्यमंत्री पद पर बनी रह सकती हैं। उन्होंने इस बात की घोषणा की है कि वह भवानीपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे। लेकिन देखने वाली बात यह है कि वहां भाजपा का उम्मीदवार कौन होगा?
हाई कोर्ट को देना पड़ा दखल
इलेक्शन कमिशन के चुनाव की तारीखों की घोषणा ना करने पर अंत में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह उपचुनाव को रोकना चाहती है। अंत में हाईकोर्ट के दखलंदाजी से चुनाव आयोग ने शनिवार को उप चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी।
सितंबर के अंत में होंगे उपचुनाव
चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए स्टेटमेंट में बताया गया है पश्चिम बंगाल में भवानीपुर सीट सहित कई और सीटों पर 3 सितंबर को उपचुनाव होंगे। नॉमिनेशन की आखिरी तारीख 13 सितंबर तय की गई है। इसी स्टेटमेंट में बताया गया है कि मतगणना 3 अक्टूबर 2021 को रविवार के दिन होगी। साथ ही चुनाव आयोग ने 5 अक्टूबर से पहले सभी कार्यक्रमों को खत्म करने की सूचना दी है।
भाजपा ने पहले ही शुरू कर दी है तैयारी
उपचुनाव के इस फैसले से भाजपा के नेता खुश नहीं दिख रहे हैं लेकिन फिर भी उन्होंने इसकी तैयारियां शुरू कर दी है। एक महीने से भी कम समय के अंदर सभी पार्टियों को चुनाव के लिए तैयारियां करनी होंगी। सूत्रों के अनुसार उपचुनाव की तारीखों की घोषणा होने से पहले ही केंद्रीय नेतृत्व द्वारा पश्चिम बंगाल भाजपा को चुनाव की तैयारियों में लग जाने के निर्देश मिल गए थे ।
बीते दिनों बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने अपने बयान में कहा था कि राज्य में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में उन्होंने उपचुनाव को सही नहीं बताया था। उनके अनुसार यदि चुनाव आयोग उपचुनाव की तारीखों की घोषणा करती है तो इसके लिए बंगाल भाजपा बिल्कुल तैयार है। बताया जा रहा है कि इस बार भाजपा बिल्कुल नए चेहरों को मैदान पर उतार सकती है।