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डेस्क: भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल कनाडा की अंतरराष्ट्रीय व्यापार निर्यात संवर्धन लघु तथा आर्थिक विकास मंत्री मेरियन जी के बीच एक बैठक के बाद दोनों ने संयुक्त रूप से इस बात पर हामी भरी कि भारत और कनाडा के बीच के द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत और कनाडा के कुशल कामगारों पेशेवर और छात्रों की आवाजाही को लेकर बातचीत में तेजी लाना आवश्यक है।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को अपनी कनाडाई समकक्ष मैरी एनजी के साथ भारत और कनाडा के बीच प्रारंभिक प्रगति व्यापार समझौते (ईपीटीए) पर चर्चा की। गोयल के अनुसार, समझौता, दोनों देशों को पारस्परिक रूप से लाभान्वित करेगा और “भारत-कनाडाई संबंधों को और गहरा करेगा”।
गोयल ने ट्वीट किया: “मेरे कनाडाई समकक्ष मैरी एनजी के साथ व्यापार और निवेश पर छठी भारत-कनाडा मंत्रिस्तरीय वार्ता की सह-अध्यक्षता की। इस संवाद ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे एक अर्ली प्रोग्रेस ट्रेड एग्रीमेंट बनाने से भारत-कनाडाई व्यापार संबंध और गहरे होंगे, जिससे दोनों देशों को पारस्परिक रूप से लाभ होगा।
दोनों देशों को होगा लाभ
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को अपनी कनाडाई समकक्ष मैरी एनजी के साथ भारत और कनाडा के बीच प्रारंभिक प्रगति व्यापार समझौते (ईपीटीए) पर चर्चा की। गोयल के अनुसार, समझौता, दोनों देशों को पारस्परिक रूप से लाभान्वित करेगा और “भारत-कनाडाई संबंधों को और गहरा करेगा”। दोनों ने व्यापार और निवेश (एमडीटीआई) पर छठी भारत-कनाडा मंत्रिस्तरीय वार्ता की सह-अध्यक्षता भी की।
गोयल ने ट्वीट किया: “मेरे कनाडाई समकक्ष मैरी एनजी के साथ व्यापार और निवेश पर छठी भारत-कनाडा मंत्रिस्तरीय वार्ता की सह-अध्यक्षता की। इस संवाद ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे एक अर्ली प्रोग्रेस ट्रेड एग्रीमेंट बनाने से भारत-कनाडाई व्यापार संबंध और गहरे होंगे, जिससे दोनों देशों को पारस्परिक रूप से लाभ होगा।
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि भारत और कनाडा इन वार्ताओं के माध्यम से दोनों देशों के बीच व्यापार किए जाने वाले सामानों पर सीमा शुल्क कम करना चाहते हैं। भारत से कनाडा निर्यात किये जाने वाले प्रमुख वस्तुएं दवाएं, रसायन, पेट्रोलियम तेल और प्लास्टिक उत्पाद, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हैं। इनके अलावा कनाडा भारत से उर्वरक, विमानन प्रौद्योगिकी और उपकरण, कोयला और हीरे का भी आयात करता है।
2009 में शुरू किए गए CEPA का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं पर शुल्क को समाप्त या कम करके द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना है। इस समझौते का उद्देश्य कृषि, बौद्धिक संपदा और विनिर्माण सेवाओं जैसे क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करना है।