पश्चिम बंगालराजनीति

बिहार की तरह बंगाल में भी कांग्रेस की जिद के आगे नतमस्तक लेफ्ट, कांग्रेस को अधिकतर सीट देने पर बन रही सहमति

डेस्क. पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव ज्यों-ज्यों जो नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक दलों की रणनीति में भी रोजाना कुछ नया देखने को मिल रहा है.

बिहार चुनाव में महागठबंधन की साझीदार रही कांग्रेस और वाम दलों में कांग्रेस को अधिक सीटें देने के बावजूद उसका नतीजा अत्यंत निराशाजनक रहा था, जबकि वाम दलों ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया.

इधर बंगाल चुनाव में वाम दलों और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर लंबे मंथन के बावजूद अब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है.

सूत्रों के अनुसार सीट बंटवारे में कांग्रेस अधिकतर सीटों की मांग करके जिद पर अड़ी हुई है. वहीं विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे को कड़ी टक्कर दे रहे हैं.

वामदल और कांग्रेस गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ने वाले हैं. बंगाल की सियासत में भाजपा और टीएमसी को आने से रोकने के लिए अब कांग्रेस की जिद के आगे माकपा अर्थात वामदल ने अपनी अधिकतर सीटें कांग्रेस को देने का मन बना लिया है.

कांग्रेस और वाम मोर्चा अभी तक यह तय नहीं कर पाई है कि कौन कितने सीटों से लड़ेंगे. लेकिन वाम दल अपनी अधिकतर सीटें कांग्रेस को देने के लिए तैयार हैं. जिससे कि बीजेपी या फिर तृणमूल कांग्रेस में से कोई भी पार्टी सत्ता में ना आ सके.

इसी नीति के साथ यह दोनों पार्टियां चुनाव प्रचार में उतर जाएंगे. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के लिए माकपा ने 100 सीटें छोड़ने का मन बना लिया है. हालांकि अभी वह कांग्रेस के राय की प्रतीक्षा कर रही है. 2016 के विधानसभा चुनावों में भी माकपा और कांग्रेस ने साथ मिलकर चुनाव लड़े थे. कांग्रेस ने 92 सीटों से और माकपा ने 147 सीटों पर चुनाव लड़ी थी.

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