शपथ ग्रहण के तुरंत बाद ममता बनर्जी और राज्यपाल में हुई तकरार, जानिए क्या थी इसकी वजह?
डेस्क: बंगाल विधानसभा चुनाव के परिणाम आते ही यह साफ हो गया कि 213 सीटें पाकर तृणमूल कांग्रेस पुनः सत्ता में आने जा रही है। हालांकि पार्टी सुप्रीमो व मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार ममता बनर्जी अपने नंदीग्राम सीट से 1957 वोटों से हार गई। फिर भी 5 मई को राजभवन में राज्यपाल के उपस्थिति में उन्होंने मुख्यमंत्री पद का शपथ लिया।
शपथ लेने के तुरंत बाद ममता बनर्जी के तेवर दिखने लगे। शपथ लेने के बाद उन्होंने कोविड को अपनी पहली प्राथमिकता बताइ। उनके अनुसार केंद्र को मुफ्त में देशभर के लोगों को कोविड का टीका प्रदान करना चाहिए। इसके बाद उपस्थित राज्यपाल ने बंगाल में हो रहे राजनीतिक क्षमता को लेकर चिंता व्यक्त की।
ममता बनर्जी ने लिया शपथ
आपको बता दें कि शपथ लेने के बाद ममता बनर्जी ने मीडिया को संबोधित किया। ममता बनर्जी का कहना था कि उनकी पहली प्राथमिकता कोरोना को काबू में लाना है। साथ ही उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से शांति बनाए रखने की अपील भी की।
उन्होंने कहा, ‘पश्चिम बंगाल को अशांति पसंद नहीं है। सभी संयम बनाए रखें। चिंता ना करें।” साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में शांति लागू करना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जो लोग हिंसा फैला रहे हैं उन पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा।
राज्यपाल ने कसा तंज
इसके बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी को तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी। बधाई देने के बाद उन्होंने कहा कि उम्मीद है सरकार संविधान और कानून के हिसाब से चलेगी। मुख्य रूप से जिन महिलाओं और बच्चों को नुकसान पहुंचा है, बंगाल सरकार उनकी मदद करेगी।
मुख्यमंत्री ने दिया करारा जवाब
इस पर ममता बनर्जी ने जवाब देते हुए कहा, “मैंने आज ही शपथ ली है। पिछले 3 महीने से राज्य की पूरी जिम्मेदारी चुनाव आयोग के हाथ में है। हर तरह के फैसले चुनाव आयोग ही ले रही है। इस दौरान कई अफसरों का तबादला भी किया गया और नियुक्ति भी की गई। अब कमान मेरे हाथों में आई है।”
गौरतलब है कि ममता बनर्जी के पिछले कार्यकाल में भी कई बार मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच तकरार हुई। लेकिन ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि शपथ लेने के तुरंत बाद राज्यपाल के साथ मुख्यमंत्री के बीच जुबानी जंग हुई हो। इसी बीच ममता बनर्जी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की ।