छटपटाते रह गया मासूम, नहीं हुई किसी को खबर; कहीं आप भी तो नहीं कर रहे यह गलती?
डेस्क: दिल्ली के कैंट इलाके के बिलंदपुर का एक दर्दनाक मामला सामने आया है जहां खेल-खेल में एक बच्चे ने छटपटाते हुए दम तोड़ दिया और इसकी भनक घरवालों को बिल्कुल ही नहीं लगी। 23 जुलाई की सुबह बिलंदपुर के रहने वाले रिंकू कुमार के जीवन में भूचाल आ गया जब उसे पता चला कि उसका बेटा अब नहीं रहा। रविवार का दिन होने के कारण रिंकू सिंह का बेटा स्कूल नहीं गया था। वह तेज धूप में छत पर खेलने के लिए गया तो उसकी मां ने उसे डांट कर नीचे भेज दिया।
गाड़ी के अंदर तड़पता रहा मासूम
विचारा मासूम नीचे आकर मोबाइल में गेम खेलने लगा। कुछ देर बाद वह घर से बाहर निकल गया जिस पर किसी का भी ध्यान नहीं गया। बाहर अपने पिता की कार को खड़ी देख वह कार के अंदर घुस कर खेलने लगा। यह लापरवाही की बात यह थी कि उसके पिता ने कार के दरवाजे को सही से बंद नहीं किया था। जैसे ही वह गाड़ी के अंदर घुसा और दरवाजे को बंद किया तो चाइल्ड लॉक ऑन हो जाने की वजह से बेचारा बच्चा गाड़ी के अंदर ही फंसकर रह गया।
जब काफी देर तक घर वालों ने बच्चे को कहीं नहीं देखा तो उसकी तलाश शुरू कर दी अंत में बच्चा गाड़ी के अंदर बंद मिला। जब गाड़ी को खोल कर देखा गया तो उसकी सांसे थम चुकी थी। दम टूट जाने की वजह से उसकी जान चली गई। 10:30 बजे गाड़ी में बंद हुए बच्चे की तरफ घरवालों का ध्यान 11:30 गया। जब गाड़ी से उसे निकाला गया तो उस समय उसकी सांसे चल रही थी घरवाले जल्द उसे पास के अस्पताल ले गए लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
आप भी बरतें यह सावधानी
यदि आपके पास कार है और घर में कोई छोटा बच्चा है तो आपको भी कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है। जब आप गाड़ी को पार्क करके उतरते हैं तो एक बार अपने कार के लॉक को अवश्य चेक कर लें कि कहीं यह खुला तो नहीं रह गया। गाड़ी के शीशों को थोड़ा नीचे करके रखें। ताकि यदि कोई गाड़ी के अंदर बंद भी हो जाए तो उसे सांस लेने के लिए हवा मिलती रहे। घर के बच्चों को गाड़ी का दरवाजा खोलना अवश्य सिखाएं। ताकि जरूरत पड़ने पर वह अंदर से दरवाजे को खोल सके।