हैदराबाद यूनिवर्सिटी की डॉ. सीमा मिश्रा ने बनाया को’रोना से लड़ने वाला टीका
विज्ञप्ति में आगे कहा गया है, 'आमतौर पर किसी टीके की खोज में 15 साल लगते हैं, लेकिन शक्तिशाली कम्प्यूटेशनल टूल ने लगभग 10 दिनों में इस वैक्सीन को बनाने में मदद की
डेस्क: यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद के जैव रसायन विभाग की एक संकाय सदस्य ने कोरोना वायरस को लिए एक टीका बनाया है। टीके को टी सेल एपिटोप्स कहा जाता है जो नोवल कोरोना वायरस के सभी ‘संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक प्रोटीनों के परीक्षण के लिए है।’
एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘हैदराबाद विश्वविद्यालय के बायोकेमिस्ट्री विभाग के स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज की संकाय सदस्य डॉक्टर सीमा मिश्रा ने परीक्षण के लिए सेल एपिटोप्स नामक संभावित टीके उम्मीदवारों को डिजाइन किया है जो नोवल कोरोनोवायरस (2019-nCoV) के सभी संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक प्रोटीनों के खिलाफ है। ये वैक्सीन छोटे कोरोनवायरल पेप्टाइड्स हैं, जो अणुओं की कोशिकाओं द्वारा उपयोग किया जाता है।
इन वायरल पेप्टाइड्स को नुकसान पहुंचाने वाली कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए रोग-प्रतिरोधक क्षमता तैयार की जा सके। कम्प्यूटेशनल सॉफ्टवेयर के साथ शक्तिशाली इम्यूनोइंफोर्मेटिक्स का उपयोग करते हुए, डॉक्टर सीमा मिश्रा ने इन संभावित एपिटोप्स को इस तरह से डिजाइन किया है कि पूरी आबादी को इसका टीका लगाया जा सकता है।’
Research on potential vaccine against all the structural and non-structural proteins of novel coronavirus-2 (2019-nCoV) for experimental testing at @HydUniv
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— Univ of Hyderabad (@HydUniv) March 27, 2020
विज्ञप्ति में आगे कहा गया है, ‘आमतौर पर किसी टीके की खोज में 15 साल लगते हैं, लेकिन शक्तिशाली कम्प्यूटेशनल टूल ने लगभग 10 दिनों में इस वैक्सीन को बनाने में मदद की। वायरस को रोकने के लिए मानव कोशिकाओं द्वारा कितना प्रभाव इस्तेमाल किया जाएगा, इसके आधार पर संभावित टीकों की एक रैंक सूची तैयार की गई है। मानव प्रोटीन पूल में मौजूद किसी भी मैच के साथ इस कोरोनवायरल एपिटोप्स मानव कोशिकाओं पर कोई विपरित असर नहीं डालते हैं इसलिए प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया वायरल प्रोटीन के खिलाफ होगी न की मानव प्रोटीन के। हालांकि इन परिणामों को निर्णायक रूप प्रदान करने के लिए प्रयोगात्मक रूप से जांच की जानी है। इन परिणामों को तत्काल प्रयोगात्मक कसौटी पर परखने के लिए चेमआरजीव (ChemRxiv) प्रीप्रिंट प्लेटफॉर्म का उपयोग करके वैज्ञानिक समुदाय में प्रसारित किया गया है। एनकोव (nCov) टीका डिजाइन पर ये भारत का पहला ऐसा अध्ययन है जो वायरस द्वारा बनाने ववाले संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक प्रोटीनों में पूरे कोरोनवायरल प्रोटिओम की खोज करता है।’
मंगलावर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी देश में अगले 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा की थी। देश के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा था कि कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने और उसके प्रसार को फैलने से रोकने के लिए यह जरूरी है कि आप घर पर रहें। बाहर निकलने के खतरों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने नागरिकों को चेतावनी दी थी कि यदि आवश्यक सावधानी नहीं बरती गई तो परिवार हमेशा के लिए तबाह हो जाएंगे। उन्होंने स्वीकार किया था कि इसका अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा लेकिन फिर भी लॉकडाउन आवश्यक है। भारत में अब तक 800 से ज्यादा लोक वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं 17 लोगों की मौत हो गई है।