टोक्यो ओलंपिक के ऐसे महत्वपूर्ण पल जिनके बारे में जानकर आपको भी भारतीय होने पर गर्व होगा
डेस्क: टोक्यो ओलंपिक 2020 भारत के लिए काफी अच्छा साबित हुआ। ओलंपिक के इतिहास में इस बार भारत का प्रदर्शन अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन था। भारतीय टीम के सभी खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन में कोई कमी नहीं रहने दी। 2008 के बाद अब जाकर ओलंपिक के पोडियम पर कोई भारतीय खिलाड़ी पहले स्थान पर था।
13 साल पहले ओलंपिक में भारत का झंडा ऊपर हुआ था और भारतीय राष्ट्रगान सुनने मिला था। इसके बाद अब जाकर 2020 के टोक्यो ओलंपिक में यह दृश्य देखने मिला। वह क्षण प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व से भरा हुआ था। इसके अलावा भी टोक्यो ओलंपिक 2020 में कई ऐसे महत्वपूर्ण क्षण आए जिनके बारे में जानकर आपका सर एक बार और गर्व से ऊंचा उठ जाएगा।
41 साल बाद भारत ने ओलंपिक में हॉकी में जीता मेडल
1929 से 1980 के बीच भारत ने हॉकी में 8 गोल्ड मेडल जीते। लेकिन उसके बाद हॉकी में मेडल जीतने का सिलसिला जैसे थम ही गया था। लेकिन 2020 के टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पूरे 41 साल बाद कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया।
भारतीयों का हॉकी को देखने का नजरिया बदला
भारत एक ऐसा देश है जहां हॉकी से ज्यादा क्रिकेट को महत्व दिया जाता था। लेकिन टोक्यो ओलंपिक 2020 के बाद भारतीयों ने हॉकी का महत्व समझा। जिस दिन भारतीय महिला हॉकी टीम ने ऑस्ट्रेलिया को हराया, उसी दिन भारत और इंग्लैंड का क्रिकेट मैच भी शुरू होने वाला था। लेकिन देश की जनता का ध्यान केवल हॉकी की तरफ ही गया। यह अपने आप में काफी बड़ा बदलाव था।
अन्य खेलों के बारे में जागरूकता हुए लोग
कई खेल जैसे फेंसिंग, गोल्फ और डिस्कस थ्रो के बारे में भारत में काफी कम चर्चा होती थी। लेकिन इन खेलों में भी भारतीय खिलाड़ियों के बेहतरीन प्रदर्शन के कारण यह सारे खेल भारत में चर्चा का विषय बने। भारत की कमलप्रीत कौर डिस्कस थ्रो मुकाबले के फाइनल तक पहुंची और छठे स्थान तक पहुंचने में सफल हुई। यह भी भारत के लिए बहुत बड़ी जीत है।
फेंसिंग के बारे में भी भारत में अधिकांश लोगों को जानकारी नहीं होगी। लेकिन भवानी देवी ने ओलंपिक में पहली बार मैच जीतकर सभी भारतीयों को फेंसिंग के खेल के बारे में जानने के लिए जागरूक किया। ठीक ऐसे ही आदिती अशोक भी गोल्फ फाइनल में केवल 2 शॉट ही पीछे रही। ओलंपिक के गोल्फ फाइनल में उन्होंने चौथा स्थान हासिल किया।
पुरुष रिले टीम ने तोड़ा एशिया का रिकॉर्ड
टोक्यो ओलंपिक में भारतीय रिले रेस की टीम फाइनल के लिए भले ही क्वालीफाई ना हो सका लेकिन उन्होंने एशिया का अब तक का रिकॉर्ड तोड़ दिया। भले ही वह मेडल नहीं जीत सके लेकिन उन्होंने एक नया कीर्तिमान स्थापित कर देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया।
महामारी से लड़कर ओलंपिक के लिए पहुंचा भारत
जिस विकट स्थिति से कुछ वक्त पहले पूरी दुनिया गुजरी उससे भारत भी अछूता नहीं रहा। पुराना महामारी के दौरान भारत में रिकॉर्ड तोड़ केस दर्ज किए गए। लेकिन इन सब से उभर कर भारत के 128 खिलाड़ी अक्षरा अलग-अलग खेलों का हिस्सा बनने टोक्यो ओलंपिक में पहुंचे। यह भी अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है। इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता।