सभा के दौरान जनता की मांगों के ऊपर भड़की ममता, कहा-मैं भगवान नहीं हूं
डेस्क, जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, सभी राजनीतिक पार्टियों के जनसभाएं करने का सिलसिला भी बढ़ता जा रहा है. सभी पार्टी के नेतागण अलग-अलग जगह जाकर सभाएं करके जनता को संबोधित कर रहे हैं.
इसी बीच गुरुवार को गीतांजलि स्टेडियम में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी अनुसूचित जाति व जनजाति को संबोधित करने पहुंची. जैसे ही उन्होंने अपना वक्तव्य शुरू किया, सभा में उपस्थित कुछ लोगों ने अपनी मांगों को लेकर शोर मचाना शुरू कर दिया.
ऐसा करने पर ममता बनर्जी भड़क गई. उन्होंने कहा कि मैं जब भी भाषण देना शुरू करती हूं तो तीन-चार लोग शोर मचाना शुरू कर देते हैं. जितनी मेरी क्षमता है, मैं जितना कर सकती हूं, उतना कर रही हूं. हर कोई हर चीज मांगने लगेगा तो मैं कैसे कर पाऊंगी? मैं कोई भगवान नहीं हूं.
उनका कहना है कि राज्य सरकार ने कन्याश्री, सबूत साथी, स्वास्थ्य साथी समेत कई परियोजनाओं द्वारा राज्य के सभी परिवार को कुछ ना कुछ दिया है. सभा के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा चुनाव के पहले मुझे ब्लैकमेल करने पर कुछ हासिल नहीं होने वाला. मुझे डरा धमका कर के भी कुछ हासिल नहीं होगा.
आगामी चार-पांच दिनों में चुनाव की तारीखें घोषित हो जाएंगी. उससे पहले मैं जितना कर सकती हूं कर रही हूं. उनका साफ-साफ कहना है कि अगर सोने की मुर्गी देने वाले अंडे को ही काट दोगे तो कुछ नहीं मिलेगा.
इस सभा के दौरान उन्होंने भाजपा को पश्चिम बंगाल के लिए खतरा बताते हुए कहा कि बंगाल के लिए एकमात्र विकल्प तृणमूल कांग्रेस ही है. इसलिए भाजपा को यहां से विदा कीजिए.