कांग्रेस की कमलनाथ सरकार फिर संकट में, सिंधिया के समर्थक विधायक बेंगलुरु गए
बेंगलुरु जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों की संख्या 15 से 17 बताई जा रही है
डेस्क : मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार एक बार फिर संकट में घिरती नजर आ रही है। मध्यप्रदेश कांग्रेस के कुछ और विधायक बेंगलुरू चले गए हैं। इन विधायकों की संख्या 15 से 17 बताई जा रही है। सूत्रों की माने तो 17 में छह विधायक मंत्री हैं और ये सभी पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं।
बताया जा रहा है कि कभी गांधी परिवार के करीबी रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया फिलहाल दिल्ली में हैं और कांग्रेस उनसे एक समझौते पर बातचीत करने की कोशिश कर रही है। खबर यह भी है कि जल्द ही सिंधिया को या तो उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है या फिर उन्हें मध्यप्रदेश से ही राज्यसभा भेजा जा सकता है। मध्यप्रदेश में रिक्त हो रहीं तीन राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होना है। इनमें से एक सीट पर दिग्विजय सिंह का चुनाव लड़ना लगभग तय है।
इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य में जारी सियासी संकट के मद्देनजर पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने कहा था कि सब ठीक है। कमलनाथ का कहना था, ‘बैठक में राज्य के सियासी संकट और राज्यसभा चुनाव पर चर्चा हुई। मंत्रिमंडल में विस्तार पर भी चर्चा हुई। राज्यसभा उम्मीदवारों पर भी बातचीत हुई है।’ हालांकि कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी और उनके कई करीबियों के संपर्क में नहीं होने के सवाल पर कमलनाथ ने कोई जवाब नहीं दिया था।
मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार एक बार फिर संकट में घिरती नजर आ रही है। मध्यप्रदेश कांग्रेस के कुछ और विधायक बेंगलुरू चले गए हैं। इन विधायकों की संख्या 15 से 17 बताई जा रही है। सूत्रों की माने तो 17 में छह विधायक मंत्री हैं और ये सभी पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं।
बताया जा रहा है कि कभी गांधी परिवार के करीबी रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया फिलहाल दिल्ली में हैं और कांग्रेस उनसे एक समझौते पर बातचीत करने की कोशिश कर रही है। खबर यह भी है कि जल्द ही सिंधिया को या तो उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है या फिर उन्हें मध्यप्रदेश से ही राज्यसभा भेजा जा सकता है। मध्यप्रदेश में रिक्त हो रहीं तीन राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होना है। इनमें से एक सीट पर दिग्विजय सिंह का चुनाव लड़ना लगभग तय है।
इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य में जारी सियासी संकट के मद्देनजर पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने कहा था कि सब ठीक है। कमलनाथ का कहना था, ‘बैठक में राज्य के सियासी संकट और राज्यसभा चुनाव पर चर्चा हुई। मंत्रिमंडल में विस्तार पर भी चर्चा हुई। राज्यसभा उम्मीदवारों पर भी बातचीत हुई है।’ हालांकि कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी और उनके कई करीबियों के संपर्क में नहीं होने के सवाल पर कमलनाथ ने कोई जवाब नहीं दिया था।