राजनीति

“1 साल 11 महीने की सजा देते तो नहीं होती सदस्यता रद्द!” क्यों कहा SC में जस्टिस गवई ने ऐसा?

डेस्क: 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के एक अंतरिम निर्देश से पूरे कांग्रेस पार्टी में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। दरअसल सुप्रीम कोर्ट द्वारा मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी के दोष सिद्धि तक उनकी सजा पर रोक लगाने का फैसला सुनाया गया है। इसका मतलब यह हुआ कि जब तक उनके आरोप साबित नहीं हो जाते कि उन्होंने अपने बयान में पूरे मोदी समुदाय का अपमान किया है, तब तक उन्हें दी गई सजा मान्य नहीं होगी।

यह फैसला सुनाते हुए जस्टिस गवई ने कहा कि यदि राहुल गांधी को 1 साल 11 महीने की सजा सुनाई जाती तो उनकी संसद की सदस्यता रद्द नहीं होती। लेकिन निचली अदालत ने उन्हें अधिकतम सजा सुनाई जिस वजह से उनकी सदस्यता रद्द हुई थी। लेकिन गवई ने राहुल गांधी पर मोदी सरनेम को लेकर लगाए गए आरोपों के सही साबित हो जाने तक सजा पर रोक लगा दी है जिससे उनके संसद की सदस्यता फिर से बहाल हो गई है।

सोशल मीडिया पर शुरू हुआ फैक्ट चेकिंग का खेल

जस्टिस गवई के इस फैसले के बाद से ही एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी के सभी नेता एवं कार्यकर्ता खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं वहीं कांग्रेस के विरोधियों के बीच तरह-तरह की बातें शुरू हो गई है। सोशल मीडिया में इस तरह के पोस्ट भी काफी वायरल हो रहे हैं जिसमें बताया जा रहा है कि जस्टिस गवई के पिता 40 वर्षों से कांग्रेस में हैं। तो उनके हक में फैसला तो आना ही था।

सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को मिले राहत को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से प्रचार किया जा रहा है। दरअसल कुछ लोग इस खबर को इस प्रकार शेयर कर रहे हैं कि इस मामले से राहुल गांधी को राहत मिल गई है, जबकि ऐसा नहीं है। अभी केवल उनकी सजा पर रोक लगाई गई है ताकि वह फिर से एक बार संसद में शामिल हो सके।

सजा को रद्द करने के लिए अभिषेक मनु सिंघवी की दलील

राहुल गांधी की सजा को रद्द करने के लिए और उनकी संसद की सदस्यता को वापस लाने के लिए उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा तर्क दिया गया था उनकी सदस्यता रद्द होने के कारण व संसद के पिछले 2 सत्रों में भाग नहीं ले सके हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सूरत के निचली अदालत से राहुल गांधी को अधिकतम सजा मिलने पर न केवल राहुल गांधी के अधिकारों का हनन हुआ है बल्कि उनके निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं के अधिकारों का भी हनन हुआ है।

ऐसा कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दिया। जिससे संसद में एक बार फिर उनको बहाल किए जाने का रास्ता खुल गया। ऐसा होने पर अब यह साफ हो गया कि 2024 का लोकसभा चुनाव राहुल गांधी भी लड़ सकेंगे

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