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धर्मसंकट : जानिये, कौन हैं जो गये हज पर, क्या है व्यवस्था

डेस्क: कोरोना वायरस महामारी के चलते इस बार हज यात्रा में काफी तब्दीली की गयी है. इस बार रिवाजों को सिर्फ सांकेतिक तौर पर निभा कर मजह हजार लोग इस यात्रा को कर रहे हैं.

सभी साऊदी अरब के ही है और उनकी उम्र बीस साल से 50 साल के बीच है. इस यात्रा से पहले रिवाजों को दरकिनार करते हुए कई सख्त नियमों को पालन करने को कहा गया है. साथ ही उन्हें यात्रा के पहले स्वास्थ्य जांच से गुरजना पड़ रहा है.

बहुत अलग और सांकेतिक तरीके से हज

दरअसल बहुत अलग और सांकेतिक तरीके से हज किया जा रहा है. कई दिनों के एकांतवास के बाद मास्क पहने हज यात्री बुधवार को छोटे-छोटे समूहों में इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल मक्का पहुंचने शुरू हो गये. हज इस्लाम का बेहद महत्वपूर्ण और जरूरी आधार है, जिसे जीवन में एक बार किया जाना चाहिये.

1,400 साल पहले पैगंबर जिन रास्तों से गुजरे थे, उन्हीं रास्तों से गुजरना पड़ता है
हज के दौरान उस रास्ते की यात्रा की जाती है , जहां से लगभग 1,400 साल पहले पैगंबर मोहम्मद गुजरे थे.

हर साल हज के दौरान दुनिया भर के लगभग 25 लाख मुसलमान, चाहे वे शिया, सुन्नी या अन्य पंथों को मानने वाले हों, एक साथ इबादत करते, खाते-पीते और गुनाहों से माफी मांगते रहे हैं, लेकिन इस बार कोरोना वायरस महामारी के दौरान शारीरिक दूरी के नियम के चलते ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा.

दूरी बना कर कर रहे भोजन और इबादत

इस बार हज यात्री होटल के कमरों में अकेले ही भोजन कर रहे हैं और एक-दूसरे से दूरी बना कर इबादत कर रहे हैं. पिछली एक सदी में पहली बार ऐसा हुआ है जब सऊदी अरब सरकार ने हज के लिए विदेशी यात्रियों के देश में आने पर पाबंदी लगायी है.

इस साल, पहले से ही सऊदी अरब में रह रहे केवल एक हजार लोगों को ही हज के लिए चुना गया है, ताकि कोरोना वायरस संक्रमण को और अधिक फैलने से रोका जा सके. इसके अलावा इस बार हज यात्रियों के लिए आयु सीमा भी तय की गयी है और केवल 20 से 50 वर्ष के पूरी तरह स्वस्थ लोगों को हज करने की अनुमति दी गयी है.

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