‘सेनगोल’ और ‘सत्ता का हस्तांतरण’; बिल्कुल राजा की तरह दिखेंगे PM मोदी
डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करने जा रहे हैं। जिसको लेकर देश में एक बार फिर राजनीति तेज हो गई है 19 विपक्षी दलों का कहना है कि यह अधिकार देश के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का है। विपक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संसद भवन के उद्घाटन को संविधान पर सीधा हमला बताया है।
एक तरफ जहां 19 विपक्षी दल उद्घाटन समारोह में शामिल ना होने के लिए एकजुट हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी ने इस ऐतिहासिक अवसर पर भारतीय राजदंड सेनगोल को नए संसद भवन में स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस दिन वह प्रधानमंत्री के रूप में सेनगोल को स्वीकार करेंगे।
‘सत्ता के हस्तांतरण’ का प्रतीक ‘सेनगोल’
बता दें कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में ‘सेनगोल’ एक महत्वपूर्ण स्थान है। यह ‘सत्ता के हस्तांतरण’ का एक प्रतीक है जिसे आजादी के बाद ब्रिटिश सरकार ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दिया था।
पहली बार 14 अगस्त 1947 को 10:45 बजे देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने तमिलनाडु की जनता से इसे स्वीकार किया था। अब जाकर प्रधानमंत्री मोदी 28 मई को राजदंड ‘सेनगोल’ को स्वीकार करेंगे।
अमित शाह के अनुसार राजदंड के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इसे संग्रहालय में न रखकर नए संसद भवन में स्थापित करने का निर्णय लिया है। उनके अनुसार इससे पवित्र और उचित स्थान इस शाही राजदंड के लिए और कोई हो ही नहीं सकता।