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रामानंद सागर की ‘रामायण’ भी घिर चुकी विवादों में, 10 साल लगाने पड़े कोर्ट के चक्कर

डेस्क: यह तो सभी जानते हैं कि फिल्म आदिपुरुष रिलीज से पहले से ही कॉन्ट्रोवर्सी का सामना कर रही है। सभी आदि पुरुष की तुलना में रामानंद सागर के रामायण को अधिक पसंद कर रहे हैं और लोगों का कहना है कि रामानंद सागर की रामायण बिल्कुल परफेक्ट थी।

हालांकि बहुत कम लोग ही इस बात को जानते हैं कि रामानंद सागर के रामायण की रिलीज को भी कई विवादों से गुजरना पड़ा था। यहां तक की सीरियल के खत्म हो जाने के बाद भी रामानंद सागर को 10 सालों तक इलाहाबाद कोर्ट में हाजिरी लगानी पड़ती थी।

रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने आदिपुरुष को लेकर चल रहे विवादों के बारे में बात करते हुए कहा कि कला के साथ एक जिम्मेदारी आती है। एक कलाकार को अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाना चाहिए। उनके अनुसार कला के साथ जब धर्म जुड़ जाता है तो यह जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। कलाकार की जवाबदेही है कि वह अपने देश, धर्म, लोगों के सेंटीमेंट्स का ख्याल रखें। इसके साथ खिलवाड़ लोगों को कतई गवारा नहीं होगी।

रामानंद सागर ने भी ली थी क्रिएटिव लिबर्टी

उन्होंने अपने पिता रामानंद सागर का जिक्र करते हुए बताया कि क्रिएटिव लिबर्टी उन्होंने ही ली थी लेकिन उन्होंने इसे जिम्मेदारी के साथ निभाया। प्रेम सागर ने बताया कि काफी सावधानी बरतने के बाद भी रामायण सीरियल विवादों में फंस गई थी। इसके पीछे एक रोचक कहानी है।

Ramanand Sagar during the shooting of Ramayana

दरअसल, रामानंद सागर ने तुलसीदासकृत रामचरितमानस को आधार मानकर रामायण सीरियल को बनाया था। तुलसीदास ने रामचरितमानस को केवल रामराज तक ही लिखा था, क्योंकि उनका मानना था कि उनके राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। वह सीता जी को जंगल में कैसे छोड़ सकते हैं? रामानंद सागर का भी बिल्कुल यही मानना था।

PMO से आ गया था कॉल

अतः उन्होंने भी रामराज तक ही सीरियल को शूट करने का निर्णय लिया था। इसकी जानकारी उन्होंने भारत सरकार को भी दे दी थी। जब रामराज के बाद रामायण सीरियल खत्म हुई तो पूरे देश यह कहते हुए आक्रोश फैल गया था कि वाल्मीकि रामायण के रामराज के बाद वाले हिस्से को आप कैसे नहीं दिखाएंगे! लेकिन रामानंद सागर अपनी बात पर अड़े रहे।

बाद में प्रधानमंत्री के ऑफिस से कॉल आने और सीरियल में लव कुश के हिस्से को भी दिखाए जाने की डिमांड किए जाने पर रामानंद सागर को उत्तरकांड की शूटिंग शुरू करनी पड़ी। हालांकि सीता को वनवास में भेजने वाले सीन की शूटिंग करते समय रामानंद सागर ने क्रिएटिव लिबर्टी ली थी जिसकी वजह से उन्हें 10 साल तक कोर्ट के चक्कर काटने पड़े।

इस पर प्रेमसागर कहते हैं कि क्रिएटिव लिबर्टी लेना अच्छी बात है लेकिन यह किसी सीन को बेहतर बनाने के लिए लिया जाना चाहिए जैसे उनके पिता ने किया था ना कि उसे बिगाड़ने के लिए।

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