बंगाल में लापर’वाही की हद : कोरोना निगेटिव बता मरीज को छोड़ा, पॉजिटिव होने से हुई मौ’त
मृत'क के परिवार सभी पांच लोग होम क्वारेंटाइन में चले गये
डेस्क: बंगाल में लापर’वाही की हद हो गयी है. यहां एक कोरोना के 68 साल के मरीज को निगेटिव बता कर अस्पताल से घर भेज दिया गया था. बाद में जब उनकी मौ’त हो गयी तो बताया गया कि वह कोरोना से संक्र’मित थे. इस घटना से पीड़ित परिवार सदमे में हैं. वहीं परिवार होम क्वारेंटाइन में हैं.
मृत’क महानगर के अमहर्स्ट स्ट्रीट थाना क्षेत्र के रहने वाले थे. बेटे ने बताया कि उनका पिता 18 अप्रैल से सर्दी-खांसी व बुखार से पीड़ि’त थे. पहले एक स्थानीय चिकित्सक से इलाज करवा रहे थे. सेहत में सुधार न होने पर स्थानीय चिकित्सक ने एमआर बांगुर जाने की सलाह दी. पर बेटे ने अपने पिता को कलकत्ता मेडिकल कॉलेज ले पहुंचा तो उन्हें एमआर बांगुर रेफर कर दिया गया.
22 अप्रैल उक्त व्यक्ति को एमआर बांगुर में भर्ती कराया गया. अस्पताल में दाखिल कराये जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग के एक महिला अधिकारी ने बेटे को फोन पर बताया कि उनके पिता की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है. इसलिए पूरा परिवार होम क्वारेंटाइन में रहे. मृत’क के परिवार सभी पांच लोग होम क्वारेंटाइन में चले गये. 26 अप्रैल को फोन पर बताया गया कि रिपोर्ट नेगेटिव है. इसलिए वह अस्पताल आ कर अपने पिता को घर ले जाये. यह सुननते ही परिवार में खुशी की लहर दौड़ गयी. बेटे ने बताया कि वह रात में ही वह अपने पिता को घर ले कर आ गये. घर पहुंचने के बाद सोमावार फिर स्वास्थ्य विभाग से फोन कर बताया गया कि उनके पिता की रिपोर्ट पॉजिटिव है.
उन्हें बताया गया कि पहली रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद दूसरी बार रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी. इसके एमआर बांगुर की एंबुलेंस मरीज को अस्पताल ले कर आयी, जबकि परिवार को फिर होम क्वारेंटाइन में रहने को कहा गया. अस्पताल में भर्ती कराये जाने के बाद मंगलवार सुबह 10.30 बजे संक्र’मित वृद्ध की मौ’त हो गई. मृत’क के बेटे ने बताया कि उनके पिता पूरी तरह से स्वस्थ हैं. अस्पताल जाते ही उनकी मौ’त कैसे हुई? उन्होंने कहा कि मौ’त के कारण पूछे जाने पर अस्पताल की ओर से कहा गया कि कोरोना से संक्र’मित होने के कारण उनके पिता की मौ’त हुई है. अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें श’व देने से इनकार किया है. बेटे का अरोप है कि स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल की लापर’वाही के कारण उनके पिता की मौ’त हुई है.