काशी में अद्भुत नजारा : देश के प्रमुख ने श्रमिकों पर बरसाये फूल, सम्मान से भावुक हुए मजदूर
डेस्क: सोमवार को बाबा विश्वनाथ की नगर काशी में उदभुत नजारा देखने को मिला, जब देश के प्रमुख ने मजदूरों पर फूल बरसाये।
पीएम ने काशी विश्वनाथ गलियारे के निर्माण कार्य में शामिल रहे श्रमिकों पर फूल बरसा कर उन्हें धन्यवाद जताया । उन श्रमिकों के लिए यह क्षण काफी भावुक करनेवाला था। यहां काशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए। देश के विभिन्न हिस्सों से श्रमिकों, इंजीनियरों और शिल्पकारों ने काशी गलियारे के निर्माण और प्राचीन काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर को नया रूप देने में योगदान दिया है, जिस पूरे क्षेत्र को अब काशी विश्वनाथ धाम के नाम से जाना जा रहा है।
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण में काम करने वाले श्रमिकों पर फूल बरसाकर उनका अभिवादन किया।
(सौजन्य: DD) pic.twitter.com/Fi16MMMJeG— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 13, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा में डुबकी लगाने और मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में गलियारे का लोकार्पण किया। मोदी ने पूजा अर्चना के बाद श्रमिकों के एक समूह से मुलाकात की जो मंदिर के नजदीक एक बरामदानुमा गैलरी में बैठे हुए थे। उनके बीच से फूलों की एक टोकरी लेकर गुजरते हुए प्रधानमंत्री ने उन पर फूल बरसाये। वे लोग निर्माण स्थल के जैकेट पहने हुए थे, उन्होंने तालियां बजाई और हाथ जोड़ कर अभिवादन किया। प्रधानमंत्री उनके साथ बैठे भी। वहां लाल कालीन बिछाई हुई थी। उन्होंने उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाई। इसकी पृष्ठभूमि में मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर वाला एक विशाल पोस्टर लगा हुआ था और काशी के सपने को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री का आभार प्रकट किया गया था। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि काशी (वाराणसी का पुराना नाम) आध्यात्मिक चेतना का केंद्र रहा है।
उत्तर प्रदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण कार्य में शामिल कर्मियों के साथ लंच किया। pic.twitter.com/iG0QY366cJ
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कई महान हस्तियों की कर्मभूमि और जन्मभूमि रहा है वाराणसी
उन्होंने कहा, ‘‘और अब भव्य स्वरूप में काशी इस चेतना में ऊर्जा का संचार करेगा। ” उन्होंने यह भी कहा कि वाराणसी कई महान हस्तियों की कर्मभूमि और जन्मभूमि रहा है तथा उन्होंने करीब 1780 में मंदिर का निर्माण कराने को लेकर महारानी अहिल्याबाई होल्कर की सराहना की। बिहार के रहने वाले राजमिस्त्री और परियोजना स्थल पर पांच-छह महीने से काम कर रहे रामचंद कुमार ने प्रधानमंत्री के हाव-भाव की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘हम, आम लोगों से उनका मिलना, महत्व देना अच्छा लग रहा है।”
करीब 339 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित श्री काशी विश्वनाथ धाम परियोजना के प्रथम चरण में सोमवार को कुल 23 भवनों का उद्घाटन किया गया। इनमें श्रद्धालुओं के लिए कई सुविधाएं होंगी, जैसे कि यात्री सुविधा केंद्र, वेद केंद्र, भोगशाला, नगर संग्रहालय, दर्शक दीर्घा, फूड कोर्ट आदि। प्रधानमंत्री कार्यालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि कोविड-19 महामारी के बावजूद परियोजना का कार्य निर्धारित समय पर पूरा किया गया।