तृणमूल ने किया हाईकोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार के लिए आवेदन, मांगी अपने नेताओं की जमानत
डेस्क: राज्य में सीबीआई के आगमन से पश्चिम बंगाल की राजनीति में फिलहाल हलचल मची हुई है। तृणमूल के दो मंत्री, एक विधायक और एक पूर्व सांसद फिलहाल सीबीआई की गिरफ्त में है।
17 मई की सुबह इनकी गिरफ्तारी हुई जिसके बाद इन सभी को सीबीआई हेड क्वार्टर ले जाया गया। द्वारा जमानत दे दिए जाने के बाद इस मामले को लेकर सीबीआई हाईकोर्ट पहुंच गई।
रात के 10:30 बजे कोलकाता हाई कोर्ट ने इन चारों की जमानत को रद्द करते हुए इन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। साथ ही इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 19 मई को चुना गया।
गिरफ्तारी की खबर मिलते ही तृणमूल के समर्थकों व कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। ने सीबीआई हेड क्वार्टर के बाहर तोड़फोड़ की, तो कुछ ने राजभवन के बाहर धरना दिया। यहां तक की हाई कोर्ट द्वारा न्यायिक हिरासत में भेजने के बाद कार्यकर्ताओं ने प्रेसिडेंसी जेल के बाहर भी प्रदर्शन किया।
आज कोलकाता हाईकोर्ट में चारों नेताओं की पेशी है जहां जमानत पर सुनवाई होगी। इसकी सुनवाई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अगुवाई में 2 जजों की बेंच करेगी।
एक तरफ सीबीआई और हंगामे से परेशान होकर इस केस को दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने की मांग कर रही है। जबकि तृणमूल ने हाईकोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए आवेदन किया है।
इसका अभिषेक मनु सिंघवी सिद्धार्थ लूथरा का कल्याण बनर्जी हैं। कोर्ट के फैसले के पुनर्विचार के लिए आवेदन की सुनवाई भी 19 मई को ही होगी।