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कौन थे भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत? जानिए उनके बारे में सब कुछ

 

डेस्क: भारतीय वायु सेना का एक हेलीकॉप्टर बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसी हेलीकाप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी अपनी पत्नी के साथ उपस्थित थे। जनरल बिपिन रावत के अलावा अन्य कई अधिकारी भी इस हेलीकाप्टर में सवार थे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत नहीं रहे। बिपिन रावत के अलावा उनकी पत्नी का भी निधन हो गया है। चौदह कर्मियों में से 13 की मौत की पुष्टि हो गई है। भारतीय वायुसेना ने इस दुर्घटना के जांच के आदेश दिए हैं।

भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बने बिपिन रावत

जब हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ तो चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ वेलिंगटन में डिफेंस स्टाफ कॉलेज जा रहे थे। 63 वर्षीय जनरल बिपिन रावत को 2019 में भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के रूप में नियुक्त किया गया था। सेना से संबंधित सभी मामलों में सरकार के सलाहकार के रूप में कार्य करने के लिए मोदी सरकार द्वारा यह महत्वपूर्ण भूमिका बनाई गई थी।

तीनों सेनाओं का करते थे नेतृत्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को घोषणा की थी कि भारत में एक CDS होगा जो तीनों सेनाओं का नेतृत्व करेगा। अर्थात बिपिन रावत भारत के तीनों सेनाओं का नेतृत्व करते थे। बिपिन रावत रक्षा सेवाओं के प्रमुख बनने से पहले 2017 से 2019 तक थल सेना के 27वें प्रमुख थे।

सैन्य परिवार से हैं संबंध

जनरल रावत का एक लंबा और शानदार करियर रहा है। जनरल एएस वैद्य के बाद इस तरह से शीर्ष पद पर नियुक्त होने वाले केवल दूसरे अधिकारी बन गए। जनरल बिपिन रावत एक सैन्य परिवार से आते हैं, जिनकी कई पीढ़ियों ने सशस्त्र बलों में सेवा की है। वह 1978 में दूसरे लेफ्टिनेंट के रूप में सेना में शामिल हुए और 4 दशकों तक अपनी सेवा दी। उन्हें पूर्वोत्तर में उग्रवाद को कम करने का श्रेय भी दिया जाता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा और नेतृत्व पर लिख चुके हैं कई लेख

जनरल रावत ने अपनी शिक्षा सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला में पूरी की और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला के पूर्व छात्र हैं। उन्हें दिसंबर 1978 में भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से ग्यारहवीं गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में कमीशन दिया गया था, जहां उन्हें स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से भी सम्मानित किया गया था। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और नेतृत्व के विषय पर कई लेख लिखे हैं, जो विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित भी हुए हैं।

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