Aditya L1 लॉन्च के बाद अब आगे क्या होगा? सूरज पर लैंड करेगा आदित्य L1?
डेस्क: सूर्य का अध्ययन करने के लिए भारत का पहला अंतरिक्ष-आधारित मिशन, आदित्य एल1, शनिवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी रॉकेट पर रवाना हुआ।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, यदि सब कुछ सही रहा तो आदित्य एल1 मिशन के प्रक्षेपण से लेकर एल1 तक पहुंचने तक की पूरी यात्रा में लगभग चार महीने लगने की उम्मीद है।
सबसे पहले इसे पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया जायेगा फिर धीरे-धीरे इसे L1 पॉइंट तक ले जाया जाएगा।
Aditya L1 की यात्रा के महत्वपूर्ण चरण
इसरो और नासा के पूर्व वैज्ञानिक सैयद अहमद, जो अब हैदराबाद में XDLINX प्रयोगशालाओं में काम कर रहे हैं, के अनुसार, पीएसएलवी के लगातार 37 सफल प्रक्षेपणों के प्रभावशाली ट्रैक रिकॉर्ड के बावजूद, आदित्य एल 1 मिशन कई चुनौतियां पेश करता है।
उनके अनुसार अगर प्रक्षेपण के दौरान कोई भी मिसफायर होती है तो रॉकेट सीधे बंगाल की खाड़ी में जा गिरेगा।
बता दें कि वह समय काफी महत्वपूर्ण होने वाला है जब Aditya L1 पृथ्वी की कक्षा को छोड़कर सूर्य की लैग्रेंजियन पॉइंट 1 की तरफ प्रस्थान करेगा। मिशन का अंतिम चरण के दौरान आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान को लैग्रेन्जियन बिंदु के चारों ओर अपनी निर्दिष्ट हेलो कक्षा में स्थापित कराया जायेगा।
इसे अंजाम देने के लिए लिक्विड अपोजी मोटर (एलएएम) को सटीक रूप से फायर करना अत्यंत आवश्यक है। यदि इसमें थोड़ी सी भी चूक होती है तो यह अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष की गहराइयों में खो जायेगा।