बिहार

शिवसेना प्रकरण से भयभीत होकर नीतीश ने छोड़ा बीजेपी का दामन?

 

डेस्क: पांच साल बाद बिहार ने इतिहास को दोहराया जब बीते मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री एवं जदयू सुप्रीमो नीतीश कुमार ने विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ एक बार फिर हाथ मिला लिया। बता दें कि उन्होंने 2017 में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राजद का साथ छोड़ दिया था। इस बार नितीश कुमार ने भाजपा से नाता तोड़ लिया है।

बताया जा रहा है कि यह फैसला उन्होंने महाराष्ट्र में हुए राजनैतिक संकट को देखते हुए लिया। सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ जो कुछ भी हुआ उसे देखते हुए नितीश कुमार ने भाजपा से दूरी बना लेना ही सही समझा। ताकि आगे उनकी सरकार को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।

भाजपा से चल रहे थे नाराज

ऐसा कहा जा रहा है कि नितीश कुमार भाजपा से नाराज थे क्योंकि उनकी पार्टी के छ: विधायकों और दो मंत्रियों का भाजपा के साथ संपर्क में होने का दावा किया जा रहा था। ऐसे में भविष्य में उनकी पार्टी का भी हाल शिवसेना जैसा न हो जाये इसलिए उन्होंने भाजपा से अलग होने का फैसला लिया।

Nitish Kumar to form government with the support of RJD

नितीश कुमार ने राजभवन से लौटने के बाद मीडियाकर्मियों से कहा, “भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कभी समझौता नहीं करेंगे और दूसरों के साथ बिहार के लोगों की सेवा करेंगे।” यह पूछे जाने पर कि वह कब शपथ लेंगे, उन्होंने कहा, “शपथ ग्रहण समारोह के लिए समय देना राज्यपाल पर निर्भर है।” हालांकि बाद में उन्होंने बताया कि वह बुधवार को शाम चार बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। ।

नितीश कुमार आठवीं बार लेंगे शपथ

कई उतार-चढ़ाव के बाद नितीश कुमार इस बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में आठवीं बार शपथ लेंगे। वह पहली बार नवंबर 2005 में सत्ता में आए थे। राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद नितीश कुमार ने कहा, “मेरी पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों, परिषद के सदस्यों और नेताओं की बैठक में उन्होंने भाजपा के साथ संबंध तोड़ने की इच्छा व्यक्त की और तुरंत मैंने उनकी इच्छा स्वीकार कर ली और राजभवन में एनडीए के प्रमुख के अपने पद से इस्तीफा देने के लिए आया।”

Nitish Kumar With Tejasvi Yadav

बता दें कि इससे पहले नितीश कुमार ने 2015 में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन किया और राज्य में महागठबंधन सरकार बनाई। लेकिन दो साल बाद, 2017 में, राजद नेता व तत्कालीन डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों का हवाला देते हुए श्री कुमार ने एक बार फिर बीजेपी से हाथ मिला लिया था।

कांग्रेस और वाम दल ने भी किया समर्थन

एक बार फिर जद(यू) के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद तेजस्वी यादव ने कहा, “मैं बिहार और देश के हित में इस गठबंधन के प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए हमारे पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद जी को धन्यवाद देता हूं।” बता दें कि जद(यू) और राजद के इस गठबंधन का समर्थन अन्य महागठबंधन सहयोगी जैसे कांग्रेस और वाम दल ने भी किया है।

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