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दो बचपन के दोस्तों ने रची थी 26/11 मुंबई हमले की साजिश, अमेरिकी अदालत में हुई भारत को सौंपने पर सुनवाई

 

डेस्क: 26/11 मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ता दो बचपन के दोस्त थे। दोनों ही पाकिस्तान के नागरिक नहीं थे, बल्कि एक अमेरिकी नागरिक थे, जबकि दूसरा कनाडा का नागरिक। हालांकि दोनों मूल रूप से पाकिस्तान के ही हैं। उनमें एक का नाम डेविड कोलमैन हेडली है और दूसरे का नाम तहव्वुर राणा। दोनों पाकिस्तान के स्कूल में साथ पढ़ते थे। दोनों अमेरिकी जेल में बंद हैं और अमेरिकी अदालत ने उन्हें 35 साल की सजा सुनाई हुई है। भारत लंबे समय से अमेरिका से दोनों को भारत को सौंपने की मांग कर रहा है।

अभी अमेरिका में ही रहेगा तहव्वुर राणा

इसी बीच अमेरिका के लॉस एंजिलिस की एक संघीय अदालत 2008 में हुए मुंबई आतंकवादी हमले में पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा की कथित संलिप्तता के चलते उसे भारत प्रत्यर्पित करने के मामले की ताजा सुनवाई हुई। इसमें अमेरिकी अदालत ने कहा कि जब तक प्रत्यार्पण पर कोई फैसला नहीं कर हो जाता, तब तक राणा अमेरिका में ही रहेगा।

हेडली ने किया था प्लान, 160 लोग मारे गये

ज्ञात हो मुंबई में हुए आतंकवादी हमले में 160 से अधिक लोग मारे गए थे। राणा मुंबई आतंकवादी हमले में कथित भूमिका के चलते वांछित है और भारत ने उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है। राणा लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली का बचपन का दोस्त है। पाकिस्तानी मूल का 60 वर्षीय अमेरिकी नागरिक हेडली 2008 के मुंबई हमलों की साजिश रचने में शामिल था। वह मामले में गवाह बन गया था और वर्तमान में हमले में अपनी भूमिका के लिए अमेरिका में 35 साल जेल की सजा काट रहा है और उसने ही राणा के खिलाफ गवाही दी है।

भारत के अनुरोध पर अमेरिका ने राणा को फिर किया गिरफ्तार

भारत के अनुरोध पर राणा को मुंबई आतंकवादी हमले में संलिप्तता के आरोप में लॉस एंजिलिस में 10 जून, 2020 को फिर से गिरफ्तार किया गया था। मुंबई हमले में छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोग मारे गये थे और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। भारत ने उसे भगोड़ा घोषित किया है। मजिस्ट्रेट जज जैकलीन चुलजियान ने बृहस्पतिवार को बचाव पक्ष के वकील और अभियोजकों को 15 जुलाई तक अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने को आदेश दिया। राणा अभी संघीय हिरासत में ही रहेगा।

राणा के वकील ने कहा, हेडली ने राणा का इस्तेमाल किया

राणा के वकील का कहना है कि उसके मुव्वकील को हेडली द्वारा आतंकवादी साजिश रचने की कोई जानकारी नहीं थी और वह मुंबई में व्यापार के लिए एक कार्यालय स्थापित करने में अपने दोस्त की मदद कर रहा था। उन्होंने कहा कि हेडली कई मौकों पर अमेरिकी सरकार से झूठ बोलता रहा है और उसकी गवाही को विश्वसनीय नहीं माना जाना चाहिए। हेडली ने अपने आतंकवादी मकसदों को पूरा करने के लिए राणा का इस्तेमाल किया, जिसकी राणा को कोई जानकारी नहीं दी।

कोर्ट में पहुंची थी राणा को दोनों बेटियां

राणा की दोनों बेटियां भी सुनवाई के दौरान अदालत पहुंची थी, लेकिन उन्होंने मामले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। राणा के वकीलों ने भी पत्रकारों से कोई बात नहीं की। वहीं, राणा यहां सफेद रंग का ‘जंपसूट’ और काला चश्मा पहने नजर आए। उनके पैर बंधे हुए थे।

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