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चीन से तनाव: सोनिया ने सरकार को घेरने की कोशिश की, विपक्षी नेताओं ने दिया पीएम का साथ

डेस्क: चीन से तनाव के बीच पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरकार के साथ है, लोग चाहते हैं चालबाज चीन को सबक सिखाया जाए। देश के विभिन्न भागों में चीनी वस्तुओं को बहिष्कार किया जा रहा है।

ज्ञात हो कि गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई खू’नी झड़प के मुद्दे पर पीएम मोदी के द्वारा सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी।

सर्वदलीय बैठक में जहां सोनिया गांधी ने सरकार को घेरने की कोशिश की, वहीं अन्य विपक्षी दलों ने सरकार के साथ होने की बात कही, चाहे शरद पवार हों, ममता बनर्जी हों, उद्धव ठाकरे हों या फिर जगनमोहन रेड़्डी जैसे विरोधी दलों के नेताओं ने सरकार के साथ एकजुटता दिखाई। सिर्फ सोनिया गांधी ने सरकार से सवाल पूछे और नाकामी का इल्जाम लगाया।

Sonia gandhi

कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि सरकार बताए कि

  • चीनी घुसपैठ की जानकारी कब मिली?
  • क्या सरकार को बॉर्डर पर होनी वाली एक्टिविटीज के सेटेलाइट तस्वीरें नहीं मिलती?
  • क्या LAC पर होने वाली गतिविधियों के बारे में इंटेलिजेंस एजेंसीज रिपोर्ट नहीं देती?
  • क्या मिलिट्री एंटेलिजेंस ने बॉर्डर पर चीनी सेना के भारी जमावड़े की खबर नहीं दी?
  • क्या सरकार इसे इंटेलिजेंस की फैल्योर नहीं मानती?
  • सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार ने 5 मई से 6 जून के बीच चीन से डिप्लोमैटिक लेवल पर बात क्यों नहीं की?
  • सरकार किस बात का इंतजार कर रही थी?

सोनिया गांधी ने एक साथ इतने सवाल पूछ दिए कि विपक्ष के नेता भी असहज हो गए। क्योंकि ये वक्त सवाल पूछने का नहीं है। सियासत करने का नहीं हैं। और ये बात शरद पवार ने कह भी दी। शरद पवार विरोधी दल में हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि इस माहौल में ये सवाल उठाना कि सैनिक निहत्थे थे या नहीं, ठीक नहीं है। इस वक्त इस तरह की बातों से बचना चाहिए।

Sharad pavar

उद्धव ठाकरे ने भी सरकार का साथ दिया। उन्होंने कहा कि देश में मजबूत सरकार है। कोई दुश्मन हमारे देश पर आंखे उठाकर देखे तो सरकार आंख निकाल कर हाथ में देने की ताकत रखती है। पूरा देश सरकार के साथ है। चीन को भी ये बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए।

Udhav thakre

ममता बनर्जी नरेन्द्र मोदी की धुर विरोधी हैं। लेकिन इस मसले की गंभीरता को उन्होंने भी सर्वदलीय बैठक में ममता ने कहा कि सभी पार्टियां आपसी सियासत भूलकर सरकार के पीछे खड़ी हैं। सरकार जो भी फैसला लेगी उसमें वो सरकार के साथ हैं। ममता ने कहा कि चीन को सीमा से भगाना है और हमारे देश की इकोनॉमी में चीन ने जो घुसपैठ की है, उसे भी खत्म करना जरूरी है। अब चाहे रेलवे हो, चाहे एविएशन या फिर टेलीकॉम हर सेक्टर से चीन का बाहर करना जरूरी है।

Mamata banerjee

ममता ने कहा कि ये वक्त की जरूरत है कि हम सब एक आवाज में बोलें, एक तरह से सोचें और एकजुट होकर सरकार के साथ खड़े रहें। डीएमके यूपीए का हिस्सा है फिर भी DMK के नेताओं ने पुरजोर तरीके से सरकार का सपोर्ट किया। लेकिन सोनिया गांधी फिर भी नहीं समझीं, रामगोपाल यादव और मायावती ने भी कहा कि देश हित में सरकार जो सही समझे, वो फैसला ले। सरकार के हर फैसले में उनकी पार्टियां सरकार के साथ हैं।

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