तृणमूल के जीत के बाद भी आखिर क्यों प्रशांत किशोर ने लिया संन्यास
डेस्क: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर रही। हालांकि रणनीति कर प्रशांत किशोर ने पहले ही इस बात की घोषणा कर दी थी कि भाजपा को 100 सीटें भी नहीं मिलेंगी।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि यदि भाजपा को 100 से अधिक सीटें आई तो वह चुनाव प्रबंधन के कार्य से संन्यास ले लेंगे।
भाजपा इस विधानसभा चुनाव में 100 का आंकड़ा पार नहीं कर सकी। लेकिन फिर भी प्रशांत किशोर ने यह घोषणा किया कि वह अब चुनाव प्रबंधन के कामकाज से संन्यास ले रहे हैं।
आखिर प्रशांत किशोर ने क्यों लिया सन्यास?
2 मई को मतगणना के दौरान प्रशांत किशोर ने यह घोषणा किया कि वह आगे चुनाव प्रबंधन का यह काम नहीं करेंगे। किसी को भी यह नहीं समझ आ रहा कि बीजेपी के 100 से भी कम सीट जीतने के बाद भी आखिर प्रशांत किशोर संन्यास क्यों लेना चाहते हैं?
जब उनसे इसकी वजह पूछी गई तो उन्होंने कहा कि वह कभी भी यह काम नहीं करना चाहते थे। ना चाहते हुए भी वह इस काम में आ गए।
उनके अनुसार IPAC में उनसे भी काबिल कई लोग हैं जो इस काम को और बेहतर तरीके से कर सकेंगे। यही वजह है कि वह अब इस काम से संन्यास लेना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने यह संकेत दिया कि आगे जाकर वह राजनीति में शामिल भी हो सकते हैं।
आपको बता दें कि इस विधानसभा चुनाव में कांटे की टक्कर के बाद आखिरकार ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट से शुभेंदु अधिकारी को हराने में सफल रही।
हालांकि उन्हें यह जीत काफी कम सीटों से मिली। फिर भी कुल मिलाकर 200 से अधिक सीटें जीतकर तृणमूल कांग्रेस फिर से पश्चिम बंगाल में सरकार का गठन करने जा रही है।