बंगाल में कड़े हुए लॉकडाउन के नियम, ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिए निर्देश
डेस्क: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद ममता बनर्जी ने 5 मई को शपथ लिया। शपथ लेने के बाद 6 मई को उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इस कॉन्फ्रेंस में बंगाल के मौजूदा हालात को लेकर बातचीत की।
राज्य में लगाए गए आंशिक लॉकडाउन के बारे में बात करते हुए उन्होंने कई और कड़े निर्देश दिए। इन निर्देशों में राज्य के बाहर से आए किसी भी व्यक्ति को 7 दिन के लिए क्वारंटाइन करने के आदेश भी शामिल है।
साथ ही कोविड मरीजों के परिवार वालों को भी 14 दिनों के लिए घर पर ही क्वारंटाइन होने के सुझाव भी दिए। साथ ही सभी से अच्छे से मास्क व सैनिटाइजर का प्रयोग करने की सलाह दी।
इसी बीच उन्होंने केंद्र सरकार के ऊपर कई आरोप भी लगाए। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार को सवालों के घेरे में लिया।
ममता बनर्जी ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा संसद भवन व स्टेच्यू के निर्माण के लिए केंद्र 20 हजार करोड़ तक की रकम खर्च कर रही है। लेकिन वैक्सीन के लिए 30 हजार करोड़ की राशि मुहैया नहीं करवा रही।
उन्होंने कहा की देश की जनता को मुफ्त में टीका लगाने को लेकर केंद्र सरकार ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।
उन्होंने केंद्र से सवाल किया कि पीएम केयर्स फंड कहां है? क्यों प्रधानमंत्री देश की जनता के प्राणों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं? साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार को नसीहत दी कि उनके मंत्रियों को कोविड-19 अस्पतालों में जाकर मरीजों की दशा देखनी चाहिए, न कि किसी भी राज्य में भीड़ इकट्ठा करके बीमारी फैलानी चाहिए।
इस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने यह भी घोषणा किया कि यदि कोई नेता या मंत्री बाहरी राज्य से बंगाल में आता है तो उन्हें आरटी पीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट भी दिखानी होगी। यह नियम सभी मंत्रियों व नेताओं के लिए मान्य होगा।
गौरतलब है कि राज्य में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को लेकर बंगाल सरकार ने सीधे तौर पर भाजपा को निशाने में लिया है। उनके अनुसार भाजपा के नेता बार-बार राज्य में आना-जाना कर रहे थे, इसी वजह से आज बंगाल की यह दुर्दशा हुई है।