ऑटो चालक के. प्रेमचंद्रन नहीं डरते संक्रमण से, अब तक 500+ मरीजों को पहुंचा चुके हैं अस्पताल
डेस्क: वर्तमान में पूर्णा महामारी की वजह से कोई भी ऑटो अथवा टैक्सी चालक किसी बीमार व्यक्ति को अस्पताल तक पहुंचाने में कतराता है। उन्हें इस बात का डर लगा रहता है कि “कहीं से कोरोना तो नही!”
ऐसे में केरल के वेल्लूर शहर में रहने वाले 51 वर्षीय ऑटोरिक्शा चालक के. प्रेमचंद्रन मरीजों के लिए मददगार बन कर सामने में आ रहे हैं। महामारी के समय में कोरोना से संक्रमित होने के खतरे बावजूद वह मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए मना नहीं करते।
उनके इस व्यवहार के कारण उनकी ऑटो रिक्शा को स्थानीय निवासी ‘आम आदमी का एंबुलेंस’ कहने लगे हैं। पिछले 1 साल से अधिक समय से वह इलाके के सभी यात्रियों को, जिन्हें कोविड-19 के लक्षण है, अस्पताल ले जा रहा है।
के. प्रेमचंद्रन का कहना है कि उनके ऑटो रिक्शा से अस्पताल पहुंचाए गए कई मरीजों के टेस्ट रिजल्ट पॉजिटिव आए हैं। कईयों के टेस्ट रिजल्ट नेगेटिव भी आए हैं। लेकिन उनका कहना है कि इस बात से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। वह कोरोना के दर से मरीजों को अस्पताल पहुंचाना बंद नहीं करेंगे।
आपको बता दें कि प्रत्येक मरीज को अस्पताल पहुंचाने के बाद के प्रेम चंदन अच्छे तरीके से अपने ऑटो को सैनिटाइज करते हैं। इसके साथ वह खुद की साफ सफाई का भी अच्छे से ख्याल रखते हैं। उनका कहना है कि अब तक उन्होंने 500 से भी अधिक मरीजों को अस्पतालों तक पहुंचाया है।
के. प्रेमचंद्रन के कोरोना मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के कारण स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उन्हें यात्राओं के समय सावधान रहने का सुझाव दिया है।
Kerala | A 51-year-old autorickshaw driver from Vellur, Kannur offered 500+ rides to people with #COVID19 symptoms to hospitals
"Asha workers & local authorities gave me trips of those who were in need of medical assistance. Trips increased during lockdown," says Premachandran pic.twitter.com/rUrQYUzmbo
— ANI (@ANI) May 23, 2021