जानिए आपातकाल के 46 साल पूरे होने पर किस नेता ने क्या कहा?
डेस्क: भारत एक गणतांत्रिक देश है। इससे दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश ही कहा जाता है। लेकिन 1975 में इंदिरा गांधी के शासनकाल में जो हुआ उसे आज भी काला दिवस के नाम से जाना जाता है। दरअसल, 1975 में आज ही के दिन 25 जून को कांग्रेस ने सत्ता के स्वार्थ में देश पर आपातकाल लगा दी थी।
तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने इंदिरा गांधी के कहने पर संविधान की धारा 352 के अंतर्गत देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी। 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक कुल 21 महीने के लिए भारत में आपातकाल घोषित था। इंदिरा गांधी के ऐसा करने के कारण उन पर आरोप लगाया जाता है कि उन्होंने देश में आपातकाल लगा कर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की हत्या कर दी थी।
विशेषज्ञ इसे स्वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे विवादास्पद काल बताते हैं। इस दौरान सभी प्रकार के चुनाव स्थगित हो गए थे तथा नागरिकों के सभी अधिकारों को भी समाप्त कर दिया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का विरोध करने वालों को गिरफ्तार कर लिया जाता था।
वहीं दूसरी ओर इंदिरा गांधी के पुत्र संजय गांधी के नेतृत्व में पुरुषों के नसबंदी का अभियान भी चलाया गया था। भारतीय स्वतंत्रता सेनानी तथा राजनेता रह चुके जयप्रकाश नारायण ने आपात काल की अवधि को “भारतीय इतिहास की सर्वाधिक काली अवधि” की संज्ञा दी है।
आपातकाल लगाने की वजह
आपातकाल लगाने की एक मुख्य वजह यह थी कि 1971 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी की जीत हुई थी। लेकिन उनके जीत के 4 साल बाद उनके प्रतिद्वंदी राज नारायण ने हाईकोर्ट में चुनाव में आए परिणामों को चुनौती दी। उन्होनें 1971 के लोकसभा चुनाव के परिणामों को चुनौती देते हुए कहा कि इंदिरा गांधी ने चुनाव में तय सीमा से अधिक पैसे खर्च किए और मतदाताओं को भी गलत तरीके से प्रभावित किया।
अदालत में मुकदमा चलाया गया और अंत में अदालत ने भी उन पर लगाए गए आरोपों को सही ठहराया। लेकिन इसके बाद भी इंदिरा गांधी टस से मस नहीं हुई और हाथ से सत्ता को जाते देख उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद को आपातकाल की घोषणा करने का आदेश दे दिया।
उन्हें इस बात का आभास हुआ कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विपक्षी नेताओं का करीबी है। संघ उनके विरोध में प्रदर्शन कर शक्ति है। अतः उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को प्रतिबंधित कर दिया। पुलिस ने संगठन के हजारों स्वयंसेवकों को कैद कर लिया। लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हजारों स्वयंसेवकों ने आपातकाल को चुनौती दी और इसके खिलाफ सत्याग्रह में भाग लिया।
आपातकाल को लागू करने के लगभग 2 साल बाद जब इंदिरा गांधी का विरोध होने लगा उन्होंने लोकसभा को भंग कर पुनः चुनाव कराने की सिफारिश कर दी। लेकिन आपातकाल लगाने का इंदिरा गांधी का फैसला उनके खुद के लिए घातक साबित हो गया। वह चुनाव हार गई और पहली बार कोई गैर-कांग्रेसी देश का प्रधानमंत्री बना। इंदिरा गांधी को हराकर प्रधानमंत्री बनने वाले मुरारजी देसाई थे।
किसने क्या कहा?
बता दें कि आज आपातकाल के 46 साल पूरे हुए हैं। इस अवसर पर कई भाजपा के नेताओं ने 1975 के इंदिरा गांधी के द्वारा लगाए गए आपातकाल को लोकतंत्र का काला दिवस कह कर संबोधित किया है। बता दें कि इस दिन को “विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की हत्या का दिन” कहकर भी संबोधित किया जाता है।
नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इंस्टाग्राम पोस्ट का एक लिंक साझा करते हुए लिखा कि “इस प्रकार कांग्रेस ने हमारे लोकतांत्रिक लोकाचार को कुचला। हम उन सभी महानुभावों को याद करते हैं जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया और भारतीय लोकतंत्र की रक्षा की।”
This is how Congress trampled over our democratic ethos. We remember all those greats who resisted the Emergency and protected Indian democracy. #DarkDaysOfEmergency https://t.co/PxQwYG5w1w
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2021
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अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने टि्वटर पर ट्वीट कर लिखा है कि “1975 में आज ही के दिन कांग्रेस ने सत्ता के स्वार्थ व अहंकार में देश पर आपातकाल थोप कर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की हत्या कर दी। असंख्य सत्याग्रहियों को रातों-रात जेल की काल कोठरी में कैद कर प्रेस पर ताले जड़ दिए। नागरिकों के मौलिक अधिकार छीन कर संसद न्यायालय को मुख दर्शक बना दिया।”
1975 में आज ही के दिन कांग्रेस ने सत्ता के स्वार्थ व अंहकार में देश पर आपातकाल थोपकर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की हत्या कर दी। असंख्य सत्याग्रहियों को रातों रात जेल की कालकोठरी में कैदकर प्रेस पर ताले जड़ दिए। नागरिकों के मौलिक अधिकार छीनकर संसद व न्यायालय को मूकदर्शक बना दिया। pic.twitter.com/SvFmEXKYcn
— Amit Shah (@AmitShah) June 25, 2021
योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा “वर्ष 1975 में आज ही के दिन कांग्रेस पार्टी ने भारत के महान लोकतंत्र पर कुठाराघात कर देश पर ‘आपातकाल’ थोपा था। मैं उन सभी पुण्यात्मा सत्याग्रहियों को नमन करता हूँ, जिन्होंने ‘आपातकाल’ की अमानवीय यातनाओं को सह कर भी देश में लोकतंत्र की पुनर्स्थापना में सहयोग दिया था।”
वर्ष 1975 में आज ही के दिन कांग्रेस पार्टी ने भारत के महान लोकतंत्र पर कुठाराघात कर देश पर 'आपातकाल' थोपा था।
मैं उन सभी पुण्यात्मा सत्याग्रहियों को नमन करता हूँ, जिन्होंने 'आपातकाल' की अमानवीय यातनाओं को सह कर भी देश में लोकतंत्र की पुनर्स्थापना में सहयोग दिया था।
जय हिंद
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 25, 2021
पीयूष गोयल
केंद्रीय कैबिनेट मंत्री पीयूष गोयल ने भी ट्वीट कर लिखा कि “आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का वह काला अध्याय है जिसमें लोकतंत्र के सिद्धांतों की हत्या की गई। आज का दिन उस निरंकुश सत्ता के विरुद्ध संघर्ष कर, लोकतंत्र को पुनः स्थापित करने वाले लोगों को याद करने का दिन है, जिनके प्रयासों ने उस काले अध्याय को समाप्त किया।”
आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का वो काला अध्याय है, जिसमें लोकतंत्र के सिद्धांतों की हत्या की गयी।
आज का दिन उस निरंकुश सत्ता के विरुद्ध संघर्ष कर, लोकतंत्र को पुनः स्थापित करने वाले लोगों को याद करने का दिन है, जिनके प्रयासों ने उस काले अध्याय को समाप्त किया। #DarkDaysOfEmergency pic.twitter.com/EhJO2k883a
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) June 25, 2021
जगत प्रकाश नड्डा
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने ट्वीट कर लिखा “वर्ष 1975 में, आज ही के दिन कांग्रेस ने राजनीतिक स्वार्थों के लिए आपातकाल की घोषणा की, जो भारत के महान लोकतंत्र पर काला धब्बा है। मैं उन सभी सत्याग्रह को नमन करता हूं, जिन्होंने भीषण यात्राएं करने के बाद भी आपातकाल का विरोध किया, और लोकतांत्रिक मूल्यों की आस्था को संजो कर रखा।”
वर्ष 1975 में, आज ही के दिन कांग्रेस ने राजनीतिक स्वार्थों के लिए आपातकाल की घोषणा की, जो भारत के महान लोकतंत्र पर काला धब्बा है।
मैं उन सभी सत्याग्रहियों को नमन करता हूँ, जिन्होंने भीषण यातनाएं सहने के बाद भी आपातकाल का विरोध किया, और लोकतांत्रिक मूल्यों की आस्था को संजोकर रखा। pic.twitter.com/xCzqxlVACL— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 25, 2021
भारती घोष
पूर्व आईपीएस तथा पश्चिम बंगाल भाजपा की उपाध्यक्ष भारती घोष ने भी ट्वीट कर आपातकाल उठने वाली हर आवाज को श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा “भारतीय लोकतंत्र और राजनीति के सबसे काले अध्याय आपातकाल 1975 के विरोध में उठी हर आवाज को सादर नमन।”
भारतीय लोकतंत्र और राजनीति के सबसे काले अध्याय आपातकाल 1975 के विरोध में उठी हर आवाज को सादर नमन#Emergency #Emergency1975HauntsIndia pic.twitter.com/VrEB9fhDkP
— Bharati Ghosh (@BharatiGhosh1) June 25, 2021
दिलीप घोष
पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी इस विषय में ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि “25 जून 1975 की रात ऑल इंडिया रेडियो में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आवाज सुनाई दी जिसमें उन्होंने घोषणा किया कि राष्ट्रपति ने आपातकाल लागू किया है। 21 महीने तक चलने वाला आपातकाल आधुनिक भारत के इतिहास में “काला दिवस” बन गया है। हमने अभी तक वह दिन नहीं भूला।”
#DarkDaysOfEmergency pic.twitter.com/e27J7U7FzJ
— Dilip Ghosh (@DilipGhoshBJP) June 25, 2021