बंगाल में सियासी हलचल तेज, बंगाल कांग्रेस के महासचिव रोहन मित्रा ने पद से दिया इस्तीफा
डेस्क: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कि बुरे तरीके से हारने के बाद से ही पार्टी के अंदर घमासान मचा हुआ है। पार्टी के कार्यकर्ता एक दूसरे के साथ आरोप-प्रत्यारोप में उलझे हुए हैं। इसी बीच बंगाल कांग्रेस के महासचिव रोहन मित्रा का इस्तीफा सामने आया।
बंगाल कांग्रेस के महासचिव रोहन मित्रा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी को पत्र लिखकर इस्तीफा दिया। इस पत्र में उन्होंने अधीर से कई गंभीर सवाल किए। सवालों के साथ-साथ उन्होंने पार्टी के कार्य करने के तरीकों पर सवाल उठाया।
कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लगाया आरोप
रोहन मित्राने बंगाल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाते हुए उन्हें ही पार्टी के पतन का कारण बताया है। उनके अनुसार पार्टी के कार्यकर्ता केवल चापलूसी करने में ही अपना समय बर्बाद करते हैं। पार्टी के हित में काम तो केवल नाम मात्र ही किया जाता है।
रोहन मित्रा ने अपने पत्र में अधीर रंजन को लिखा कि आपके आसपास के चापलूसों के कारण ही आप का पतन हुआ है। यह केवल आपका ही नहीं बल्कि बंगाल कांग्रेस के पतन का कारण भी बना है।
WB Congress Gen Secy Rohan Mitra resigns from his post; writes to party's state chief AR Chowdhury, 'The sycophants surrounding you have not only brought your downfall but also led to the ultimate downfall of the party in the state with no visible signs of revival in near future' pic.twitter.com/yviFecmKDt
— ANI (@ANI) July 14, 2021
कांग्रेस के पुनरुत्थान की नहीं दिख रही संभावना
उन्होंने पत्र में लिखा कि आने वाले समय में कांग्रेस के बंगाल में पुनरुत्थान की संभावना ना के बराबर है। निकट भविष्य में पार्टी के वापस उठकर खड़े होने की कोई संभावना नहीं दिख रही है। शून्य में सिमट कर रह जाना बंगाल में कांग्रेस के पतन को दर्शाती है
बता दें कि विधानसभा चुनाव में वाममोर्चा के साथ गठबंधन होने के बाद भी कांग्रेस और वाम मोर्चा का यह गठबंधन शून्य सीटों पर सिमट कर रह गया। ऐसा बंगाल के चुनावी इतिहास में पहली बार हुआ है कि कांग्रेस और वाम दल को एक भी सीट ना मिली हो।
हो सकते हैं दूसरी पार्टी में शामिल?
रोहन मित्रा के अपने महासचिव पद से इस्तीफा दे देने के बाद उनके अन्य पार्टी में योगदान देने की अटकलें काफी तेज हो गई हैं। सूत्रों की माने तो वह जल्द ही भाजपा में अपना योगदान दे सकते हैं। वैसे अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखकर कार्यकर्ताओं पर सवाल उठाने पर बंगाल की सियासत गर्म हो गई है।