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पांच महीने बाद रिहा हुए पप्पू यादव, पुलिस पर लगाए यह आरोप, पत्नी ने दी यह चेतावनी

 

डेस्क: पिछले 5 महीनों से जेल की हवा खाने के बाद आज जपा के अध्यक्ष व पूर्व सांसद पप्पू यादव को रिहा कर दिया गया है। बता दें कि देश में लोक डाउन के दौरान 5 महीने पहले पप्पू यादव को गिरफ्तार कर लिया गया था। यह गिरफ्तारी 32 साल पहले हुए एक अपहरण के मामले में कथित तौर पर उनकी संलिप्तता होने के कारण की गई थी। लेकिन आज मधेपुरा की एक विशेष अदालत ने पप्पू यादव को बाइज्जत बरी कर दिया है।

पत्नी ने दी चेतावनी

मधेपुरा के अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश निशिकांत ठाकुर ने सबूतों के अभाव में पप्पू यादव को रिहा करने को फैसला सुनाया। उनके रिहा होने के बाद उनकी पत्नी और कांग्रेस की पूर्व सांसद रंजीत रंजन में कहा कि उन्हें एक फर्जी केस के कारण गिरफ्तार किया गया था। लेकिन आज उन्हें बरी कर दिया गया है। उनकी पत्नी ने कहा कि जिस तरह 5 महीने में पप्पू यादव को जेल में रखा गया है उसे हम नहीं भूलेंगे और उनके खिलाफ षड्यंत्र करने वाले को भी कभी नहीं भूलने देंगे।

ट्वीट कर जताई खुशी

कोर्ट से रिहा होने के बाद पप्पू यादव ने ट्वीट कर कहा कि अब जाकर उनके साथ इंसाफ हुआ है और उनके खिलाफ किया गया संयंत्र बेनकाब हुआ है। उनका कहना है कि जनता के आशीर्वाद के कारण ही आज वह जेल से बाहर आए हैं उनका कहना है कि अब यह साबित हो गया है कि उन्हें फर्जी मुकदमे में कैद किया गया था। जबकि न्यायधीश ने साक्ष्य के अभाव के कारण उन्हें बरी किया है।

क्या हुआ था 32 साल पहले?

दरअसल साल 1989 में चुनाव के दौरान मुरलीगंज से 2 लोगों का अपहरण कर लिया गया था। इस अपहरण का आरोप पप्पू यादव पर लगाया गया था। आगे चलकर दोनों अपहित व्यक्तियों के साथ पप्पू यादव ने समझौता कर लिया जिसके बाद उन्हें तत्काल जमानत मिल गई थी। लेकिन 32 वर्ष पहले के इस केस में सही समय पर हाजिरी नहीं होने के कारण उनकी जमानत टूट गई और 5 महीने पहले 11 मई 2021 के दिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

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