CDS में रैंक 6, UPSC में रैंक 172, परीक्षा पैनल में बैठे इंटरव्यूअर्स को हंसाकर पहले प्रयास में ही बनीं IPS
डेस्क: UPSC CSE को सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है जिसे बहुत कम लोग ही पास कर सकते हैं, वह भी अपने पहले प्रयास में। हरियाणा की रहने वाली सिमरन भरद्वाज ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। पहले CDS की परीक्षा में 6 रैंक लाने के बाद उन्होंने पहले प्रयास में ही UPSC CSE की परीक्षा में 172 रैंक लाकर अपने बचपन के सपने को साकार किया।
पिता के भारतीय सेना में होने के कारण सिमरन को अपना पूरा जीवन एक जगह से दूसरी जगह घूमते हुए बिताया है। वह जब 13 साल की थी तब से ही यूपीएससी उनका सपना रहा है। यहाँ तक कि उनकी माँ भी चाहती थी कि उनकी बेटी सिविल सेवाओं में शामिल हो जाए।
CDS परीक्षा में बनीं टॉपर
सिमरन ने आर्मी पब्लिक स्कूल, जम्मू से 12वीं की पढ़ाई पूरी की और फिर पत्रकारिता की पढाई के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी के कमला नेहरू कॉलेज में दाखिला लेने के लिए दिल्ली आ गईं। स्नातक की पढाई के साथ उसने अपने यूपीएससी के सपने के लिए कड़ी मेहनत करना जारी रखा।
UPSC की परीक्षा के लिए उपस्थित होने से पहले सिमरन ने CDS परीक्षा देने का निर्णय लिया। पहले ही प्रयास में उन्होंने यूपीएससी सीडीएस में 6 रैंक लाया। टॉपर्स में से एक बनने के बावजूद, यूपीएससी CSE के लिए सिमरन की सच्ची प्रतिबद्धता बनी रही और वह आईपीएस बनने के अपने सपने को पूरा करने में जुट गयी।
सिमरन और यूपीएससी
सिमरन के सपने को उनके परिवार के सेना की पृष्ठभूमि से और बढ़ावा मिला। सिमरन आईपीएस में शामिल होने और अपने रास्ते में आने वाली हर चुनौती को स्वीकार करने के लिए तैयार थी। सरकारी कर्मचारियों और सशस्त्र बलों में कार्यरत सदस्यों से भरे परिवार से आने वाली सिमरन सिविल सेवाओं में शामिल होने वाली अपने परिवार की पहली महिला हैं।
सिमरन के अनुसार उनकी माँ को उनपर पूरा भरोसा था और वह UPSC का रिजल्ट आने से पहले से ही जश्न की तैयारी करने लगी थी। यूपीएससी के टॉपर्स की लिस्ट घोषित होने के बाद जब सिमरन ने खुद को 172 की रैंकिंग पर पाया तो वह ख़ुशी से झूम उठी। केवल वह ही नहीं बल्कि उनका पूरा परिवार ख़ुशी से झूम उठा।
जब सिमरन के इंटरव्यू की बारी आई तो किसी एनी उम्मीदवार की ही तरह वह भी घबरायी हुई थी। इंटरव्यू के दौरान सिमरन ने कुछ ऐसा कह दिया जिससे पैनल में बैठे सभी अधिकारी हंसने लगे। यही वह पल था जब सिमरन को इस बात का एहसास हो गया कि उनकी सफलता अब दूर नहीं।