‘द केरला स्टोरी’ पर SC की दो टूक, बोले- हम सुनेंगे ही नहीं
डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फिल्म द केरल स्टोरी की शुक्रवार को रिलीज पर रोक लगाने की याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ताओं को केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया, जहां इसी तरह की याचिकाएं लंबित हैं।
CJI चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने मुस्लिम लिपिक निकाय जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर की सुनवाई करते हुए कहा “हमारे उच्च न्यायालयों में अनुभवी न्यायाधीश हैं। हमारे उच्च न्यायालयों का ऐसी स्थितियों पर पूर्ण नियंत्रण है।”
ग्रोवर ने कहा कि पूरे भारत में रिलीज होने वाली इस फिल्म का उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों के बीच नफरत और दुश्मनी पैदा करना है। जमीयत ने अपनी दलील में कहा कि फिल्म पूरे मुस्लिम समुदाय को बदनाम करती है और मुसलमानों के जीवन और आजीविका को खतरे में डालेगी।
‘द केरला स्टोरी’ के विरोध में कई दलीलें
साथ ही उन्होंने अपनी दलील में कहा है कि फिल्म में यह झूठ कहा गया है कि 32,000 लड़कियों ने आईएसआईएस में शामिल होने के लिए केरल छोड़ दिया है। उनके अनुसार आईएसआईएस में शामिल होने वाली भारतीयों की संख्या लगभग 66 है और आईएसआईएस की ओर झुकाव दिखाने वाले लोगों की कुल संख्या 100 से 200 के बीच हो सकती है।
ग्रोवर ने पीठ को बताया कि केरल उच्च न्यायालय 5 मई को फिल्म की रिलीज को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, जब यह पूरे भारत में रिलीज होगी।
पीठ ने याचिका के जवाब में कहा कि “हम ‘द केरला स्टोरी’ से सम्बंधित याचिकाओं पर विचार करने को इच्छुक नहीं हैं। हम उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता देते हैं।”