2-18 वर्ष के सभी बच्चों व युवाओं को लगेगी वैक्सीन, जानिए क्या करना होगा?
डेस्क: 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों के टीकाकरण के लिए फिलहाल संघर्ष चल रहा है। संघर्ष वैक्सीन की कमी के कारण हो रही है। वैक्सीन लगवाने के लिए सभी तैयार हैं लेकिन वैक्सीन की कमी के कारण सभी परेशान हो रहे हैं।
इसी बीच भारत बायोटेक 2 और 18 वर्ष की आयु के बच्चों पर परीक्षण के लिए ‘कोवैक्सीन’ को भेजने की तैयारी कर रहे थे। युवाओं को टीका लगाने की मंजूरी एक बड़ी सफलता होगी।
भारत बायोटेक द्वारा 2 से 18 वर्ष के सभी युवाओं को वैक्सीन लगाने की सिफारिश पर सीडीएससीओ के विशेषज्ञों द्वारा विचार विमर्श किया गया। अंततः उन्हें परीक्षण की अनुमति मिल गई।
अधिकारियों की माने तो परीक्षण विभिन्न स्थानों पर 525 वॉलिंटियर्स के ऊपर किया जाएगा। इनमें इन दिल्ली, एम्स पटना और मेडीट्रीना इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज नागपुर शामिल है।
फिलहाल भारत बायोटेक द्वारा बनाए गए वैक्सीन का उपयोग भारत में वयस्कों के वैक्सीनेशन के लिए किया जा रहा है। हालांकि तीसरे चरण के टीकाकरण की शुरुआत के मात्र 10 दिनों में ही वैक्सीन की कमी देखने को मिली।
भारत में कच्चे माल की कमी को वैक्सिन ना बना पाने का कारण बताया जा रहा है। अतः और अधिक वैक्सीन बनाने के लिए विदेशों से कच्चे माल मंगवाने की भी तैयारी की जा रही है।
आपको बता दें कि फाइजर कंपनी के वैक्सीन को अमेरिका में 12 वर्ष लोगों के लिए स्वीकृत कर दिया गया है। युवाओं के टीकाकरण पर निर्णय लेने वाला कनाडा के बाद अमेरिका अब दूसरा देश बन गया है।
इसके अलावा नोवावैक्स कंपनी के वैक्सीन का भी प्रयोग 12 से 17 साल के बच्चों को वायरस से बचाने के लिए किया जा रहा है। बच्चों में इंफेक्शन के भी गंभीर दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिले।
गौरतलब है कि पहले फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण करने के बाद वैक्सीनेशन के लिए वयस्कों को चुना गया। इसके बाद युवाओं का चयन किया गया। अब बच्चों के भी टीकाकरण का फैसला ले लिया गया है।