मेहनत रंग लाई, दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल ने पास किया UPSC, राम कुमार की प्रेरक यात्रा
डेस्क: अपने सपनों को कभी नहीं छोड़ना चाहिए, हमने अतीत में कई प्रेरक कहानियां पढ़ी हैं लेकिन यहां दिल्ली की एक ऐसी अनूठी सफलता की कहानी है जो बहुतों को प्रेरित करेगी। जबकि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने पिछले महीने सिविल सेवा परीक्षा, 2022 का अंतिम परिणाम घोषित किया था।
भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक को पास करने वाले 933 उम्मीदवारों में से कुछ उम्मीदवार ऐसे थे जिनकी सफलता की कहानी सबसे अलग है। इन्हीं में से एक हैं दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल राम भजन कुमार जिन्होंने 2022 की यूपीएससी परीक्षा में 667वीं रैंक हासिल की थी।
कौन हैं राम भजन कुमार?
एक निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले 34 वर्षीय राम भजन राजस्थान के एक मजदूर के बेटे हैं। कुमार रोजाना कम से कम छह घंटे अध्ययन करते थे और , दिल्ली के मुखर्जी नगर से अध्ययन सामग्री खरीदते थे। परीक्षा की तारीख नजदीक आने पर वह एक महीने की छुट्टी के लिए आवेदन करते थे और रोजाना लगभग 16 घंटे पढ़ाई करते थे।
राम भजन कुमार का संघर्ष
राम भजन अपने माता-पिता के साथ-साथ अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने स्कूल के समय से ही मजदूरी का काम करते थे। राजस्थान के दौसा जिले के एक छोटे से गांव बापी के रहने वाले राम भजन ने कहा कि उनके माता-पिता मजदूरी कर अपनी आजीविका चलाते थे। कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, उन्होंने आखिरकार अपने 8वें प्रयास में UPSC की परीक्षा को पास कर लिया।
राम की प्रेरक यात्रा
राम कुमार 2009 में एक कांस्टेबल के रूप में पुलिस में शामिल हुए थे। राम कुमार ने कहा कि वह फिरोज आलम से प्रेरित थे, जो दिल्ली पुलिस में एक कांस्टेबल थे और 2019 में यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद एसीपी बन गए। आलम के रैंक हासिल करने के बाद मुझे कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा मिली।
उन्होंने कहा, “यह एक सपने के सच होने जैसा है। यह मेरा आठवां प्रयास था। चूंकि मैं ओबीसी श्रेणी से हूं, इसलिए मैं नौ प्रयासों के लिए योग्य हूं और यह मेरा दूसरा-आखिरी प्रयास था।” उनके अनुसार उनकी पत्नी ने उन्हें इस दौरान लगातार प्रोत्साहित किया।
राम भजन कुमार की सफलता की कहानी हमें जीवन में एक महत्वपूर्ण सीख देती है कि हमें कभी भी कोशिश करना नहीं छोड़ना चाहिए और हमें कभी भी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए।