केंद्र ने किया साफ, NPR के लिए नहीं मांगे जाएंगे दस्तावेज, अभी NRC की योजना नहीं
केंद्र सरकार ने लोगों के बीच मौजूदा भ्रम के बीच यह साफ कर दिया है कि एनपीआर के लिए डेटा जुटाए जाने के दौरान किसी तरह का दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा और आधार भी स्वेच्छा से ही दिखाया जा सकता है
डिजिटल डेस्क: केंद्र सरकार (Central Government) ने विपक्ष के हमलों और देशभर में जारी विरोध-प्रदर्शनों के बीच यह साफ कर दिया है कि एनपीआर अपडेट करने के दौरान कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा और आधार नंबर भी स्वेच्छा से ही दिखाया जा सकता है।
1 अप्रैल से शुरू हो रही एनपीआर की प्रक्रिया के लिए केंद्र सरकार राज्यों के साथ तैयारियों को लेकर चर्चा कर रही है। एनपीआर (NPR) को अपडेट करने के दौरान परिवार और व्यक्ति से जुड़ी डेमोग्राफिक और अन्य जानकारी जुटाई जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘एनपीआर सबसे पहले 2010 में तैयार किया गया और 2015 में उसे अपडेट किया गया। नागरिकता कानून, 1955 के तहत नागरिकता (नागरिकता पंजीकरण व राष्ट्रीय पहचान पत्र) नियम, 2003 के नियम 3 के उपनियम-4 को तैयार किया गया जिसके तहत केंद्र सरकार को अप्रैल से सितंबर, 2020 के बीच जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करना होगा। हालांकि, इसमें असम शामिल नहीं होगा।’
मालूम हो कि पश्चिम बंगाल (West Bengal) की सीएम ममता बनर्जी (CM Mamta Banerjee) ने एनपीआर की प्रक्रिया को खतरनाक करार देते हुए पूर्वोत्तर के राज्यों और गैर-बीजेपी शासित राज्यों के सीएम से अपील की है कि वे एनपीआर के फॉर्म को ध्यान से पढ़ें। उन्होंने साथ ही अनुरोध किया कि अपडेट करने के फैसले से पहले फॉर्म में लिखे सवालों और मानकों को भी ठीक से देखें। उधर, केरल सरकार ने घोषणा की है कि वे जनगणना प्रक्रिया का पालन करेंगे, लेकिन एनपीआर को लेकर सहयोग नहीं करेंगे।
राष्ट्रीय स्तर पर NRC की योजना नहीं
वहीं, केंद्रीय मंत्री (Union Minister) ने इस दौरान यह भी स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी (NRC) लाने के बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। राय ने सदन में चंदन सिंह और नमा नागेश्वर राव के प्रश्नों के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। राय ने कहा, ‘अभी तक एनआरसी को राष्ट्रीय स्तर पर तैयार करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।’ सदस्यों ने सवाल किया था कि क्या सरकार की पूरे देश में एनआरसी लाने की कोई योजना है? उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी पिछले शुक्रवार को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने संबोधन में एनआरसी का जिक्र नहीं किया था।