राष्ट्रीय

आखिर विदेश मंत्री ने बता ही दिया दूसरे देशों में कोरोना वैक्सीन भेजने की वजह

डेस्क: वर्तमान समय में देश में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। कोरोना मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। प्रतिदिन कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या नए रिकॉर्ड बना रही है।

केंद्र सरकार ने 18 से 44 साल उम्र वालों के लिए भी कोरोना वैक्सीन लगाने की घोषणा कर दी है। लेकिन व्यक्ति की कमी करुणा के खिलाफ लड़ाई में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं।

विभिन्न विपक्षी दलों द्वारा केंद्र सरकार पर विदेशों में व्यक्ति भेजने को लेकर सवाल उठाने पर आखिरकार केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने चुप्पी तोड़ी।

उन्होंने कहा, “कोरोना के दूसरी लहर ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया।” साथ ही उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने लोगों को ऑक्सीजन मुहैया करवाने के लिए जमीन आसमान एक कर दिया है।

विदेश मंत्री जयशंकर ने विदेशों में वैक्सीन भेजने को लेकर कहा भारत ने कोवैक्स समझौते के तहत अन्य देशों में वैक्सीन भेजने के लिए अंतरराष्ट्रीय करार किया है।

कोवैक्स समझौते के तहत देशों को कम कीमत पर पीके देने के लिए बाध्य थी। साथ ही हमें अपने पड़ोसी मुल्कों की ही चिंता थी। हम नहीं चाहते थे कि हमारे घर के दरवाजे के बाहर महामारी शैली

ऑक्सीजन की कमी को लेकर उन्होंने कहा, “मेडिकल ऑक्सीजन की मांग एक हजार मैट्रिक टन से बढ़कर 7500 मेट्रिक टन हो गई है। उन्होंने का की ऑक्सीजन की कमी को पूरी करने की जिम्मेदारी मेरी है जमीन आसमान एक कर दिया है।

उनके अनुसार औद्योगिक ऑक्सीजन को मेडिकल ऑक्सीजन में कन्वर्ट करने के लिए कारोबारियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाए जा रहे हैं तथा विदेशों से भी ऑक्सीजन के टैंकर खरीदने की कोशिश की जा रही है।

वैक्सिंग की कमी को लेकर उन्होंने कहा, “भारतीय व्यक्ति कंपनियां भारत की जरूरतों को पूरा करने के लिए चीन का उत्पादन कर रही थी। लेकिन फरवरी के अंत तक यह साफ हो गया कि कच्चे माल की कमी है। इस समस्या को दूर करने के लिए हम लगातार विदेशों से कच्चे माल का आयात करने प्रयास कर रहे हैं।”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button