डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी प्रयास से अब कैलाश मानसरोवर की यात्रा काफी आसान हो गयी है. शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मानसरोवर जाने के लिए एक लिंक रोड का उदघाटन किया है. इस लिंक रोड के बन जाने से अब तीर्थयात्रियों को छह दिनों की लंबी पैदल यात्रा नहीं करनी पड़ेगी.
इस सड़क से अब यात्री गाड़ी से कैलाश मानसरोवर के काफी नजदीक तक पहुंच जायेंगे. यह सड़क लिपुलेख दर्रे के पांच किलोमीटर पहले तक पहुंची है. इससे तीर्थयात्रियों के साथ तीर्थयात्रियों को भी सहूलियत होगी.
60 किलोमीटर यह रास्ता उत्तराखंड के धारचुला (घटियाबगर) को लिपूलेख से कनेक्ट करेगा, जिसे बीआरओ ने तैयार किया है. इस रास्ते का वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये उदघाटन करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खुशी जतायी है.
ज्ञात हो कि पहले तीर्थयात्रियों को 79 किलोमीटर पैदल यात्रा करनी पड़ती थी. अब रास्ता बन जाने से कैलास मानसरोवर का सफर तीन दिनों में पहुंचा जा सकेगा. अब गाड़ी से अधिक मानसरोवर के अधिक नजदीक तक पहुंचा जा सकता है.
यात्री पिथौरगढ़ या अल्मोड़ा होते हुए लिपूलेख तक गाड़ियों से जा सकेंगे. लिपूलेख चीनी सीमा से सटा इलाका है. लिपूलेख का यह रास्ता 90 किलोमीटर की ऊचाई वाला ट्रैक था. वृद्धों को इस यात्रा में काफी परेशानी होती थी. उनकी जान का खतरा भी रहता था.