कौन हैं राकेश टिकैत? कितनी है उनकी संपत्ति? कितने करोड़ के हैं मालिक? [Who is Rakesh Tikait?]
जब से नए कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलन की शुरुआत हुई है, राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) काफी सुर्खियों में छाए हुए हैं. क्या आप जानते हैं राकेश टिकैत कौन है? या क्या आपको यह पता है कि वह कितनी बार जेल जा चुके हैं? या क्या आप यह जानते हैं कि उनकी संपत्ति कितनी है? यदि नहीं तो इस पोस्ट को पूरा पढ़िए क्योंकि इस पोस्ट में राकेश टिकैत से जुड़े कई बातों को बताया गया है.
केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर पर ट्रैक्टर परेड निकाला था. इस दौरान कई जगहों पर पुलिस और किसानों के बीच टकराव हुआ. आपको बता दें कि कुछ किसानों ने ट्रैक्टर परेड के लिए तय किए गए रूट से अलग जाकर नियमों का उल्लंघन किया.
उन्होंने कई जगह बैरिकेड तोड़े और लाल किले तक जा पहुंचे. इसी बीच पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज भी किया और आंसू गैस के गोले भी बरसाए. इस घटनाक्रम के बाद कई किसान नेता धीरे-धीरे करके इस आंदोलन से अलग हो रहे हैं. लेकिन राकेश टिकैत जो कि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, ने पीछे हटने से मना कर दिया. साथ ही उन्होंने सरकार को धमकी भी दी कि यदि कृषि बिल को वापस नहीं लिया गया तो वे आत्महत्या कर लेंगे.
आपको बता दें कि गुरुवार रात को गाजीपुर बॉर्डर से राकेश का एक भावुक वीडियो सामने आया जिन्हें देख वापस लौट चुके किसानों में एक नई ऊर्जा देखने को मिली. आपको बताते चलें कि किसान आंदोलन 2020 के नवंबर महीने से शुरू हुई थी. तब राकेश टिकैत की भूमिका बहुत सीमित थी.
लेकिन जब 52 वर्षीय राकेश टिकैत ने लाल किले में हुए हंगामे के बाद यह ऐलान किया कि देश का किसान सीने पर गोली खाएगा पर पीछे नहीं हटेगा. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यदि तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता है तो वह आत्महत्या कर लेंगे लेकिन धरना स्थल खाली नहीं करेंगे.
उनके ऐसा ऐलान करने के बाद लोगों को महेंद्र सिंह टिकैत की याद आ गई जिन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सम्मान से ‘बाबा टिकैत’ कहा जाता है. महेंद्र सिंह टिकैत राकेश टिकैत के पिता हैं.
कौन हैं राकेश टिकैत (Rakesh Tikait)?
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का जन्म 4 जून 1969 को मुजफ्फरनगर जिले के सिसौली गांव में हुआ था. वे महेंद्र सिंह टिकैत के दूसरे बेटे हैं. इनके पास M.A. की डिग्री है. ऐसा बताया जाता है कि उन्होंने वकालत भी की है. वर्तमान में यह भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं. वर्ष 1992 में राकेश टिकैत दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर तैनात थे लेकिन अपने पिता महेंद्र सिंह टिकैत का प्रभाव उन पर बहुत था.
यही वजह है कि उन्होंने पुलिस की नौकरी छोड़ किसानों का नेतृत्व करना और खेती बारी करना पसंद किया. कैंसर से उनके पिता की मृत्यु होने के बाद उन्होंने पूरी तरह से भारतीय किसान यूनियन की कमान संभाल ली.
44 बार जा चुके हैं जेल
अपने पिता महेंद्र सिंह टिकैत के बाद राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने भारतीय किसान यूनियन के मुखिया का पद संभाला. किसानों के हक की लड़ाई के लिए उन्होंने कई बार किसान आंदोलन किया और 44 बार जेल भी गए. राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) के छोटे भाई सुरेंद्र टिकैत ने बीबीसी से बातचीत के दौरान कहा कि किसान आंदोलन में शामिल होने के कारण उन्हें (राकेश टिकैत) कई बार जेल जाना पड़ा. इसीलिए 44वीं बार उन्हें जेल जाता देखना हमारे लिए कोई हैरानी की बात नहीं है.
लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं टिकैत
वर्ष 2014 में राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजीत सिंह ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा सीट से राकेश को प्रत्याशी बनाया था. लेकिन चुनाव में राकेश जीत न सके.
करोड़ों की है टिकैत की संपत्ति
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोक दल की ओर से राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने चुनाव लड़ा था. उन्होंने जो शपथ पत्र दाखिल किया था उसके अनुसार राकेश टिकैत के पास करोड़ों की संपत्ति है. अगर आंकड़ों की बात करें तो उनकी संपत्ति ₹4,25,18,038 की है.