कोरोना से रिकवर हुए मरीजों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता, यदि यह लक्षण दिखे तो सावधान हो जाएं
डेस्क: कोरोनावायरस से लोग पहले ही बहुत परेशान हैं। इस वायरस की वजह से कईयों ने अपनों को खोया। तो कई लोग यह दुनिया छोड़कर चले गए।
लेकिन अभी भी इस वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। प्रतिदिन वायरस के नई-नई वैरीअंट देखने को मिल रहे हैं।
पहले बताया जा रहा था कि 14 दिनों में कोई भी आदमी कोरोनावायरस के संक्रमण से पूरी तरह मुक्त हो जाता है। लेकिन अब रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी फेफड़ों में संक्रमण देखने को मिल रहा है।
कई बार तो रिकवर हुए मरीजों में भी नई समस्याएं देखने को मिल रही है। ब्लैक फंगस भी मरीजों के लिए एक परेशानी बनी हुई है।
कई मरीजों के ब्रेन में क्लॉटिंग, दिल में क्लोटिंग तथा आंखों की रोशनी में कमी के मामले सामने आ रहे हैं।
अधिकतर इन्हीं परेशानियों के कारण मरीजों की मौतें हो रही है।
कोरोना के पहले लहर में यह सभी समस्याएं देखने को नहीं मिल रही थी। लेकिन अब इन सभी नई समस्याओं के कारण कोरोनावायरस पहले से भी अधिक खतरनाक हो गया है।
विशेषज्ञों की मानें तो अस्पताल से रिकवर होकर लौटे हुए मरीजों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। साक्षी डॉक्टरों के संपर्क में बने रहने का भी सुझाव दिया गया है।
यदि छाती में भारीपन सांस फूलने की समस्या आदि बनी रहे, तो यथाशीघ्र डॉक्टर की सलाह लेकर फेफड़ों का सिटी स्कैन तथा दिल का इकोकार्डियोग्राम करा लेना चाहिए।
इसी के साथ यदि अधिक कमजोरी तथा शरीर के किसी अंग के सुन्न होने जैसे लक्षण दिखाई दें तो ब्रेन का एमआरआई स्कैन करवाना चाहिए।