राजस्थान: इस वजह से विधानसभा स्पीकर ने SC में वापस ली याचिका
डेस्क: राजस्थान में जारी सियासी महाभारत के बीच सोमवार को विधानसभा स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका यह कहते हुए वापस ले ली कि अब इस मामले में फिलहाल सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है.
इस दौरान स्पीकर की ओर से कोर्ट में पेश अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने याचिका वापस लेते हुए कहा कि अब हाईकोर्ट में 10वीं शेड्यूल के प्रावधानों को चुनौती पर सुनवाई शुरू हो चुकी है. ऐसे में हम पहले जो मामला लेकर सुप्रीम कोर्ट आए थे उस पर सुनवाई उससे आगे निकल गई है. यही वजह है कि अब हम विचार के बाद जरूरत के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट वापस आएंगे. कोर्ट ने भी याचिका वापस लेने की इजाजत दे दी.
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स्पीकर सीपी जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी
स्पीकर सीपी जोशी ने हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें सचिन पायलट समेत 19 बागी विधायकों को नोटिस के मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था. दरअसल, स्पीकर ने सभी 19 बागी विधायकों को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों उनकी सदस्यता रद्द नहीं की जाए. इस नोटिस के खिलाफ पायलट खेमे ने हाईकोर्ट का रुख किया था.
इससे पहले बसपा भी राजस्थान के रण में कूद गई है. बसपा ने राजस्थान में अपने सभी छह विधायकों को व्हिप जारी कर अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस के खिलाफ वोट करने के लिए कहा है. साथ ही इस बात पर खासा जोर दिया है कि अगर कोई विधायक जारी व्हिप को नहीं मानता तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. बहुजन समाज पार्टी की ओर जारी व्हिप के मुताबिक, राजस्थान में कांग्रेस की ओर से लाए जाने वाले विश्वास मत या अन्य किसी भी कार्रवाई के दौरान बसपा विधायकों को सरकार के खिलाफ वोट करने के लिए कहा गया है.
राष्ट्रीय पार्टी का विलय राज्य के स्तर पर नहीं हो सकता
दरअसल, बसपा के सभी छह विधायक सालभर पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए थे. इस तरह से राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष ने बसपा की राज्य इकाई का कांग्रेस में विलय की मंजूरी दे दी थी. लेकिन बसपा ने विधायकों और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को पत्र भेजा है. इसमें कहा गया है कि 10वीं सूची के मुताबिक, राष्ट्रीय पार्टी का विलय राज्य के स्तर पर नहीं हो सकता. सभी विधायकों ने बसपा के चिन्ह पर चुनाव जीता है. इसलिए बसपा के पास अधिकार है कि वह विधायकों को व्हिप जारी कर सकती है.