पांचवी पास महिला की कमाई सुनकर उड़ जाएंगे होश, मिल चूका है ‘कृषि वैज्ञानिक’ पुरस्कार
![Santosh Devi earning lakhs from organic farming](https://akjnews.com/wp-content/uploads/2023/02/Santosh-Devi-earning-lakhs-from-organic-farming-780x419.jpg)
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डेस्क: आपने सुना होगा कि “मेहनत का फल अवश्य मिलता है।” और यह भी सुना होगा कि “मेहनत करने वालों कि हार नहीं होती।” इन कहावतों को राजस्थान की एक पांचवी पास महिला ने सच साबित कर दिखाया है। राजस्थान के सीकर जिले के बेरी गांव की रहने वाली संतोष देवी अपने मेहनत के कारण चर्चा का केंद्र बनी हुई है।
हर महीने कमा रही है दो लाख रुपए
संतोष देवी न केवल चर्चा का केंद्र बनी है, बल्कि वह अपनी मेहनत से हर महीने डेढ़ लाख से दो लाख रुपए कमा रही हैं। उनकी सफलता की कहानी सभी महिलाओं के लिए काफी प्रेरणादायक है। केवल फलों की जैविक खेती कर वह और उनके पति आज लाखों कमा रहे हैं। लेकिन इन सब की शुरुआत अनार के मात्र 220 पौधों से हुई थी।
220 पौधों से शुरू हुई यात्रा
साल 2008 में संतोष देवी ने सिंदूरी अनार के 220 पौधे अपने खेत में लगाए। प्यार को गानों की दोनों ने जैविक खेती की पद्धति को अपनाया और ड्रिप सिस्टम से पौधों की सिंचाई की 2011 में इन पौधों ने फल देना शुरू कर दिया। पहले ही बार संतोष देवी और उनके पति को तीन लाख रुपए का मुनाफा हुआ। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
मिल चुका है ‘कृषि वैज्ञानिक’ पुरस्कार
इतना ही नहीं जैविक खेती के दम पर संतोष देवी को कृषि वैज्ञानिक की उपाधि से भी नवाजा जा चुका है। राजस्थान के झुंझुनू जिले में जन्मी संतोष देवी के पिता दिल्ली पुलिस में थे और चाहते थे कि उनकी बेटियां भी दिल्ली में आ कर रहे और यहीं पढ़ाई करें। लेकिन संतोष का मन पढ़ाई में नहीं लगता था। दिल्ली में पांचवी तक पढ़ाई करने के बाद वापस अपने गांव आ गई और खेती के सारे गुण सीखे।
15 वर्ष की उम्र में हो गई थी शादी
संतोष केवल 12 वर्ष के थे जब उसे खेती-बाड़ी के बारे में सारा ज्ञान मिल चुका था। उसे सब कुछ पता था जो एक किसान को पता होना चाहिए। 15 वर्ष की उम्र में उनकी शादी रामकरण के साथ हो गई। साल 2005 में संतोष देवी के पति रामकरण होमगार्ड की नौकरी किया करते थे जिसके लिए उन्हें हर महीने 3000 रुपए मिलता था।
आर्थिक तंगी से कमलाकर अंत में संतोष और उसके पति ने खेती करने की ठानी इसके लिए उन्होंने अपनी इकलौती भैंस को बेचकर खेत में नलकूप लगवाया और गांव में बिजली ना होने के कारण नलकूप को जेनरेटर से चलाकर जैविक खेती शुरू की। आज वह अपने पति के साथ मिलकर केवल खेतीवाड़ी करके लाखों रुपए हर महीने कमा रही है।