भारत में इस वैक्सीन को लगाने के बाद हो रही दुर्लभ बीमारी
डेस्क: पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना महामारी से त्रस्त है। इस वायरस के प्रकोप से बचने का एकमात्र उपाय वैक्सीनेशन है। लगभग सभी देशों में कोरोना से बचने के लिए वहां की जनता का वैक्सीनेशन कराया जा रहा है। भारत में भी काफी तेजी से वैक्सीनेशन का काम चालू है।
यहां लोगों को कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पूतनिक V वैक्सीन की डोज दी जा रही है। वैक्सीन लगाने के बाद कईयों में कुछ साइड इफेक्ट दिख सकते हैं। यह एक आम बात है। भारत में वैक्सीन से अधिकारिक तौर पर हुए मौत की अब तक केवल एक ही खबर सामने आई है।
अब एक स्टडी के मुताबिक यह खबर सामने आई है की वैक्सीन लगवाने के बाद अब तक भारत और यूके को मिलाकर कुल 11 लोगों में एक दुर्लभ बीमारी देखी गई है। यूके में कुल 4 लोगों को एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लगाने के बाद उनमें न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर की समस्या देखी गई।
इस न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का नाम गुलियन बेरी सिंड्रोम (GBS) है। किस बीमारी में शरीर के इम्यून सिस्टम पर असर होता है तथा चेहरे की मांसपेशियां और नसें कमजोर हो जाती है। बता दें कि एस्ट्राजेनेका वैक्सिंग को ही भारत में कोविशिल्ड नाम से दी जा रही है। भारत में अब तक जीबीएस के सात मामले देखे गए हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो बीमारी कोविशील्ड की पहली डोज लेने के 2 सप्ताह के अंदर इसके मरीजों में इसके लक्षण दिखने लगे। इस बीमारी में चेहरे के मांसपेशियां कमजोर होने की वजह से चेहरे के दोनों किनारे कमजोर होकर लटक जाते हैं। कई मामलों में हाथों और पैरों में झनझनाहट भी देखने को मिलती है। इससे दिल के धड़कन के अनियमित होने से लेकर लकवा होने का भी खतरा बढ़ जाता है।
भारत में इसका सबसे पहला मामला मुंबई में देखने को मिला खा जाएं गर्भवती महिला इन सिंड्रोम का शिकार हो गई थी। इस सिंड्रोम की वजह से पांचवे महीने में ही उस महिला का अचानक गर्भपात हो गया। कोविड-19 से भी संक्रमित थी।
हालांकि भारत में करोड़ों लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है। उनमें से जीबीएस के केवल सात ही मामले देखने को मिले हैं। वैक्सीनेशन शुरू करने के पहले कई बार वैक्सीन का ट्रायल भी किया गया जिसमें सब कुछ सही दिखा। इसके बाद ही वैक्सीनेशन शुरू की गई। इसलिए बिना डरे आगे आएं और अपनी बारी आने पर वैक्सीन लगवाएं।