बिहार

बिहार पुलिस द्वारा दंगा भड़काने का आरोप लगाने पर मनीष कश्यप ने किया आत्मसमर्पण

डेस्क: तमिलनाडु में बिहारी प्रवसियों पर हमले की तमाम ख़बरों के बीच मोबाइल पत्रकार मनीष कश्यप पर झूठी अफवाह फ़ैला कर मामले को भड़काने का आरोप लगाया गया था। जिसके बाद मनीष कश्यप ने 18 मार्च को पश्चिम चंपारण के जगदीशपुर पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण कर दिया।

इससे पहले बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) और बेतिया पुलिस ने उनके बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था जिसमे 42 लाख रुपये थे। बता दें कि उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से ही मनीष पिछले एक सप्ताह से फरार हैं।

पटना और चंपारण पुलिस के साथ ईओयू द्वारा गठित एसआईटी की 6 टीमें कल से ही उनके विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी कर रही थी। इस बीच आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया की, “तमिलनाडु में मजदूरों के मुद्दे पर फर्जी समाचार मामले में बिहार पुलिस और तमिलनाडु पुलिस द्वारा वांछित मनीष कश्यप ने शनिवार को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।”

 Manish Kashyap surrenders

मनीष कश्यप के सभी ठिकानों पर हुई छापेमारी

ज्ञात हो कि ईओयू ने छह मार्च को इस मामले में पहली प्राथमिकी दर्ज की थी और कश्यप समेत चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जिसके बाद राज्य पुलिस ने 15 मार्च को मनीष कश्यप और युवराज सिंह राजपूत के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। अन्य राज्यों में भी उनके सभी ठिकानों पर उनकी खोज होने लगी।

ईओयू द्वारा गठित छह टीमों के साथ पटना और चंपारण पुलिस शुक्रवार से लगातार मनीष के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी कर रही थी। मनीष ने गिरफ्तारी और अन्य कानूनी कार्रवाई की आशंका से शनिवार को बेतिया के जगदीशपुर पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण कर दिया।

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