पीएम मोदी के मिशन को मिला विश्व बैंक का समर्थन, ₹8,200 करोड़ के लोन को किया मंजूर
डेस्क: भविष्य की महामारियों के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए भारत नए-नए तरीके अपना रहा है। इसी क्रम में देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए विश्व बैंक भारत को 1 बिलियन अमरीकी डालर (8,200 करोड़ रुपये) तक का ऋण देने वाला है।
बता दें कि इस ऋण को 500 मिलियन अमरीकी डालर के दो पूरक ऋणों में विभाजित किया जाएगा। 1 बिलियन अमरीकी डालर के इस संयुक्त वित्तपोषण के माध्यम से, विश्व बैंक प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) का समर्थन करेगा, जिसे अक्टूबर 2021 में प्रधानमंत्री मोदी ने लॉन्च किया था।
स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए मिला ऋण
पीएम मोदी के इस मिशन का मुख्य उद्देश्य देश भर में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार करना है। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश, केरल, मेघालय, ओडिशा, पंजाब, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश सहित सात राज्यों में स्वास्थ्य सेवा वितरण को प्राथमिकता देने के लिए भी इस ऋण को मंजूरी मिली है।
विश्व बैंक ने महामारी तैयारी कार्यक्रम (पीएचएसपीपी) के लिए 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर और संवर्धित स्वास्थ्य सेवा वितरण कार्यक्रम (ईएचएसडीपी) के माध्यम से सेवा वितरण को मजबूत करने के सरकार के प्रयासों का समर्थन करने के लिए एक और 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण को मंजूरी दी है।
इसका उद्देश्य देश के प्रत्येक घर तक प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुँचाना है।
विश्व बैंक ने कहा कि इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (IBRD) से PHSPP और EHSDP दोनों ऋणों की अंतिम परिपक्वता अवधि 18.5 वर्ष है, जिसमें पांच वर्ष की छूट अवधि भी शामिल है।