6 राज्य बढ़ाना चाहते हैं लॉकडाउन, सोमवार के बाद होगा फैसला
गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक का कहना है कि वह केंद्र सरकार के आदेश का पालन करेंगे
डेस्क: देश में कोरोना वायरस संक्र’मण का कहर जारी है, करीब 1900 नए संक्र’मित रोज मिल रहे हैं। महजुदा लॉकडाउन 3 मई तक देश में रहेगा। तेलंगाना में लॉकडाउन 7 मई तक पहले ही बढ़ा दिया गया है।
बात दें कि दिल्ली सरकार का कहना है कि वह अपने राज्य में 16 मई तक लॉकडाउन को बढ़ाना चाहती है। इसके बाद पांच राज्यों- महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब और ओडिशा ने शनिवार को अपने-अपने राज्यों में तीन मई के बाद लॉकडाउन बढ़ाने का संकेत दिया है। यहां हॉटस्पॉट क्षेत्रों में किसी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी। इसके अलावा छह अन्य राज्यों- गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक का कहना है कि वह केंद्र सरकार के आदेश का पालन करेंगे।
असम, केरल और बिहार का कहना है कि वह सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होने वाली राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों की बैठक के बाद फैसला लेंगे।
तेलंगाना अकेला ऐसा राज्य है जिसने लॉकडाउन की अवधि को सात मई तक के लिए बढ़ा दिया है। वह इस अवधि के खत्म होने से दो दिन पहले आगे का फैसला लेगा। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने मुंबई और पुणे के कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन का विस्तार किया है।
उन्होंने कहा, ‘सोमवार को प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में लॉकडाउन को आगे बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी। यदि जरुरत पड़ेगी तो लॉकडाउन को तीन मई के बाद 15 और दिनों के लिए बढ़ाया जाएगा। यह पूरे मुंबई और पुणे के लिए नहीं तो इसे केवल कंटेनमेंट जोन में बढ़ाया जा सकता है।’
देश में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मामले महाराष्ट्र में मिले हैं। यहां गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार आस-पड़ोस की दुकानों को खोलने की इजाजत नहीं दी गई है। वहीं उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भी दुकानें खोलने से पहले इंतजार कर रही है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘कोरोना मामलों को देखते हुए यह यूपी के लिए संकट का समय है। सरकार ने पहले से ही आवश्यक सामान बेचने वाली दुकानों, जैसे किराने का सामान, दवाइयों और 11 प्रकार के उद्योगों को कार्य करने की अनुमति दी है। हम इस बिंदु पर और अधिक दुकानें खोलने की अनुमति नहीं देंगे।’