अतीत में आज : चीन में हुआ नरसं’हार, ट्रेन में वि’स्फोट में राष्ट्रपति की ह’त्या
वे देश में लोकतंत्र की मांग करते हुए एकत्रित हुए थे
डेस्क: चार जून का इतिहास चीन के लिए काले अक्षरों में लिखे गये हैं. इसी दिन 1989 में चीन में प्रदर्शनकारियों का नरसं’हार हुआ था. वहीं 1928 में चीन के राष्ट्रपति हांग जोलिन की ह’त्या जापान के एजेंट ने कर दी थी.
आइये जानते हैं विस्तृत में (चार जून का इतिहास)..
थ्येनआनमन स्क्वायर नरसं’हार
इस दिन चीन की राजधानी बीजिंग में तनाव का माहौल था. यहां अपनी मांगों को लेकर लोग शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, जिन पर चीन की सरकार बड़ी बेद’र्दी पेश आयी. प्रदर्शनकारियों को सबक सिखाने के लिए सेना को बुलाया गया. सेना ने शहर में प्रदर्शन कर रहे लोगों को बुरी तरह मारा. निहत्थे लोगों पर गो’लियां चलायीं. टैंकों से कार्रवाई की गयी. इसमें भारी संख्या में लोगों की जान चली गयी.
इस घटना को चीन के इतिहास का सबसे जघ’न्य घटनाओं में गिना जाता है. इस नरसं’हार को ‘थ्येनआनमन स्क्वायर नरसंहा’र’ के नाम से जाना जाता है. घटना बीजिंग के तियानमेन, तियानअनमेन या थ्येनआनमन चौक पर हुई थी. चौक पर लोग अपनी मांग को लेकर एकत्रित हुए थे. वे शांतिपूर्ण तरीके से सरकार का विरोध कर रहे थे.
वे देश में लोकतंत्र की मांग करते हुए एकत्रित हुए थे. इसी मांग को दबाने के लिए तत्कालीन सरकार ने दम’न चक्र चलाया. आंदोलकारी कम्युनिस्ट पार्टी के उदारवादी नेता हू याओबांग की मौ’त से नाराज थे. इसी के विरोध में वे यहां प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शनकारियों में हजारों की संख्या में छात्र थे.
राष्ट्रपति हांग जुओलिन की ह’त्या
4 जून 1928 को शेनयांग के पास झेंग ज़ुओलिन की निजी ट्रेन में धमा’का हुथा था, जिसमें ज़ुओलिन की मौत हो गयी थी. ह’त्या का आरोप जापान पर लगा था.
झांग को तब मारा गया था जब वह उनकी निजी ट्रेन हुआंगगुटुन रेलवे स्टेशन पर पहुंची थी, वहीं पहले से जापानी एजेंटों द्वारा फिट किये गये बम फट गया. जांग की मृत्यु जापान के साथ चीन के कटु संबंध का परिणाम थी.