बाहर निकला मौलाना साद, दिल्ली की इस मस्जिद में नमाज पढ़ते पाया गया
डेस्क: दिल्ली के निजामुद्दीन में मरकज का आयोजन करने बाद से सुर्खियों में रहे तब्लीगी जमात का मुखिया मौलाना साद पिछले डेढ़ महीने से छिपा हुआ था. दिल्ली की पुलिस उसे खोज नहीं पायी. आखिरकार वह शुक्रवार को जुमे की नमाज पढ़ने के लिए बाहर निकला. उसे दिल्ली के जाकिर नगर की अबु बकर मस्जिद में नमाज अदा करते देखा गया. हालांकि उसने इसके बाद दिल्ली पुलिस से कोई संपर्क नहीं किया.
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गौरतलब है कि उस पर आरोप है कि उसने मरकज का आयोजन करके पूरे भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलाने में बड़ी भूमिका निभायी. जमात के सदस्य देश भर में घूम कर इसका संक्रमण फैलाये. दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज मामले में तब्लीगी जमात का प्रमुख मौलाना साद प्रमुख आरोपी माना जा रहा है.
दिल्ली पुलिस के अनुसार, जुमे की नमाज पढ़ने के लिए मौलाना साद बाहर निकला. वह दिल्ली के जाकिर नगर की अबु बकर मस्जिद में नमाज अदा की.
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पुलिस की ओर से तब्लीगी जमात के मुखिया को पिछले डेढ़ महीने से पुलिस के समक्ष पेश होने को कहा जा रहा था. हालांकि मौलाना साद ने इतने दिनों से पुलिस से कोई संपर्क नहीं किया, जबकि बाहर आने के बाद भी पुलिस को कोई सूचना नहीं दी. उसने लोगों को बताया कि वह सेल्फ क्वॉरंटीन में था.
क्या है आरोप
मौलाना साद पर आरोप है कि उसने लॉकडाउन में दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात का मरकज कार्यक्रम का आयोजन किया. इसमें देश-दुनिया से हजारों तब्लीगी जमात के सदस्यों ने हिस्सा लिया. इसमें शामिल भारी संख्या में लोग कोरोना वायरस से संक्रमित थे, जो यहां से निकल कर पूरे देश में गये. मौलाना साद पर कार्यक्रम करने और उसमें हजारों लोगों को एकत्रित करने का आरोप है.
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इस घटना के खुलासे के बाद से मौलाना साद गायब हो गया था. उसकी तलाश में दिल्ली पुलिस ने कई जगहों पर छापेमारी की थी. दिल्ली पुलिस की ओर से विभिन्न माध्यमों से उसे पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा जा रहा था, लेकिन वह सामने नहीं आ रहा था. हालांकि एक बार मौलाना साद की ओर से कहा गया कि उसे भी कोरोना हुआ है और इसीलिए 14 दिनों के सेल्फ क्वारेंटाइन में है, लेकिन दिल्ली पुलिस को इसकी कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी गयी.
आपको बता दें कि मार्च में तब्लीगी जमात का कार्यक्रम हुआ था. इस कार्यक्रम के बाद लॉकडाउन में मौलाना साद ने सैकड़ों जमातियों को मस्जिद में बिना पुलिस की जानकारी के रखा. उनमें कई विदेश से आये थे, जबकि काफी संख्या में जमाती देश के विभिन्न राज्यों से पहुंचे थे.