भगोड़े विजय माल्या का दुस्साहस, सुप्रीम कोर्ट की मनाही के बाद भी किया रुपया ट्रांसफर
डेस्क: भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने सुप्रीम कोर्ट की मनाही के बावजूद अपने बच्चों के खाते में 40 मिलियन डॉलर ट्रांसफर किये. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया था. इस पर अदालत में अवमानना का मामला दायर हुआ था.
विजय माल्या ने सुप्रीम कोर्ट की मनाही के बावजूद
9 मई 2017 को डिएगो डील के 40 मिलियन डॉलर बच्चों के खाते ट्रांसफर करने और संपत्ति का विवरण न देने के लिए माल्या को दोषी माना गया था. जजों के समक्ष पुनर्विचार याचिका नहीं लगी.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, ‘हमारे सम्मुख पेश रिकार्ड के अनुसार पुनर्विचार याचिका पिछले तीन साल से कोर्ट के समक्ष पेश ही नहीं की गयी.
पुनर्विचार याचिका में उठाये गये मुद्दों पर गौर करने से पहले हम रजिस्ट्री को यह स्पष्ट करने का निर्देश देते हैं कि पिछले तीन साल में यह याचिका संबंधित कोर्ट के समक्ष पेश क्यों नहीं की गयी.
जस्टिस यू यू ललित और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने 16 जून को विजय माल्या की पुनर्विचार याचिका पर गौर किया और सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री को तीन साल तक इस पुनर्विचार याचिका से संबंधित फाइल देखनेवाले अधिकारियों के नाम सहित सारा विवरण पेश करने का निर्देश दिया.
अदालत की अवमानना मामले में दायर पुनर्विचार याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की गयी. सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है.
विजय माल्या ने 40 मिलियन डॉलर बच्चों को ट्रांसफर किया था
दरअसल माल्या ने 40 मिलियन डॉलर की रकम अपने बच्चों के नाम पर ट्रांसफर किया था. जिसके लिए कोर्ट की ओर से मना किया गया था.
माल्या ने 2017 के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी. 40 मिलियन डॉलर अपने परिजनों के खाते में ट्रांसफर किए जानेपर सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को कोर्ट की अवमानना का दोषी माना था.
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