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प्रधानमंत्री ने की वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक, ‘यास’ से निपटने के लिए किए गए तैयारियों पर हुई चर्चा

डेस्क: कुछ दिनों पहले पश्चिमी भारत में आए चक्रवात ताऊते के बाद अब बताया जा रहा है कि पूर्वी भारत में एक और चक्रवात के आने की आशंका है। इस चक्रवात का नाम ‘यास’ बताया जा रहा है।

मौसम विभाग की माने तो इस चक्रवात का असर मुख्य रूप से बंगाल तथा उड़ीसा में देखने को मिलेगा। बंगाल की खाड़ी से निर्मित इस चक्रवात का असर बंगाल तथा उड़ीसा के अलावा तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, अंडमान और निकोबार में भी देखने को मिल सकती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार 23 मई को सिर्फ मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इसी से संबंधित एक बैठक की। इस बैठक में दूरसंचार, बिजली, नागरिक उड्डयन एवं पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के साथ एनडीएमए के प्रतिनिधि भी शामिल थे। इसी के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य कैबिनेट मंत्री भी शामिल थे।

कई घंटों तक चले इस बैठक में चक्रवात ‘यास’ से निपटने के तैयारियों पर चर्चा की गई। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने शनिवार को ही इस बात की पुष्टि कर दी है कि यह तूफान बंगाल की खाड़ी से उत्पन्न होकर उत्तर पश्चिम दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।

मौसम विभाग की मानें तो 26 मई तक यह पूर्ण चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा। 24 मई से 26 मई के बीच भारी बारिश होने की आशंका जताई जा रही है।

इस चक्रवात को लेकर किए गए तैयारियों पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि राज्य ने चक्रवात यास से निपटने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं।

तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को भी सुरक्षित जगह तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सभी से सतर्क रहने का अनुरोध भी किया है।

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