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स्वास्थ्य मंत्री के बयान पर भड़का विपक्ष, लोग कर रहे निंदा

 

डेस्क: कोरोना की दूसरी लहर अब लगभग समाप्ति की ओर बढ़ चला है। लेकिन इस दौरान मौतों के आंकड़े ने कई रिकॉर्ड तोड़े। कोरोनावायरस के कई नए वेरिएंट के कारण दूसरी लहर में मरीजों को नई समस्याओं का सामना करना पड़ा। जिसमें शरीर में ऑक्सीजन की कमी होना सबसे प्रमुख है।

ऐसे में मॉनसून सत्र के दूसरे दिन जब स्वास्थ्य राज्यमंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई है, तो इस पर सियासत काफी गर्म हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के इस बयान पर विपक्ष द्वारा विरोध किया जा रहा है। आम आदमी पार्टी इस विषय पर संसद में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश करने की तैयारी कर रही है।

प्रियंका गांधी सहित अन्य नेताओं ने भी की टिप्पणी

कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर केंद्र को आड़े हाथों लिया। अपने ट्वीट में लिखा क्या ऑक्सीजन की कमी से मौत इसलिए हुई थी क्योंकि महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन का निर्यात 700% तक बढ़ा दिया था। साथियों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि ऑक्सीजन का ट्रांसपोर्ट करने वाले टैंकरों की व्यवस्था भी नहीं की गई थी।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दिया गया बयान बिल्कुल गलत है। दिल्ली के अलावा भी कई अन्य राज्यों में ऑक्सीजन की कमी से काफी मौतें हुई। हमें उपराज्यपाल ने ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों को लेकर कमेटी बनाने नहीं दिया, नहीं तो सही डाटा मिल जाता।

शिवसेना के सांसद ने की केस दर्ज करने की मांग

शिवसेना के सांसद संजय राउत ने भी स्वास्थ्य मंत्री द्वारा दिए गए बयान पर सवाल किया है। उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा क्यों उनके मंत्री के इस बयान से उन परिवारों पर क्या गुजरेगी जिन्होंने ऑप्शन की कमी के कारण अपनों को खोया है।

बता दें कि मॉनसून सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों को लेकर केंद्र सरकार से सवाल किया था। जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री द्वारा दिए गए बयान पर विपक्ष भड़का हुआ है। वहीं कांग्रेस सहित आम आदमी पार्टी भी मनसुख मांडविया के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहे हैं।

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