भारतीय रेल दे रहा है लाखों कमाने का शानदार मौका, आप भी ऐसे उठा सकते हैं लाभ
डेस्क: यात्रियों की सुविधा के लिए भारतीय रेलवे नित नए कदम उठा रही है। इसी क्रम में स्थानीय उत्पादकों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए भी रेलवे तरह-तरह के उपाय अपना रही है। जिससे स्थानीय लोगों को भी कुछ लाभ हो सके और रोजगार पैदा हो। इसी कड़ी में अब भारतीय रेलवे देश की जनता को अपने द्वारा बनाए गए सामानों को स्टेशन पर बेचने का मौका दे रही है। इससे ना केवल लोगों को रोजगार मिलेगा बल्कि आम लोगों को भी सस्ते दरों पर समानें मिलेंगी।
स्टेशनों पर बने “एक स्टेशन एक उत्पाद” नाम के काउंटर पर आप न केवल स्थानीय लोगों द्वारा बनाए गए सामानों को खरीद सकते हैं बल्कि अपने बनाए हुए सामानों को लोगों को बेच भी सकते हैं। भारत सरकार के इस योजना के तहत भारतीय रेल के सहयोग से देश के सभी स्टेशनों पर एक स्टॉल खोला जा रहा है। जहां केवल स्थानीय उत्पादकों द्वारा बनाए गए सामन मिलेंगे।
स्थानीय कलाकृतियों को मिल रहा बढ़ावा
भारतीय रेलवे का एकमात्र मकसद इस योजना के तहत स्थानीय सामानों की बिक्री को बढ़ावा देना है। इस सूचना का एक और फायदा यह है कि इससे उन सभी कलाकारों की कला उभर कर सामने आएगी जो आज तक गुमनाम थी। आर्ट एंड क्राफ्ट से जुड़े हुए लोगों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है। इन स्टॉल्स पर वह अपने कलाकृतियों की प्रदर्शनी भी लगा सकते हैं।
इस योजना का फायदा आप भी उठा सकते हैं। यदि आपके सामान में दम रहा तो स्टेशन में आने वाले लाखों लोगों में से कुछ लोग तो आपकी कलाकृतियों को जरूर खरीदेंगे। भारतीय रेलवे की “एक स्टेशन एक उत्पाद योजना” के तहत देशभर के 532 रेलवे स्टेशनों पर 572 आउटलेट खोले जा चुके हैं। ऐसा कहा जा सकता है कि इन आउटलेट्स को स्थानीय और स्वदेशी निर्मित उत्पादों का प्रदर्शन और प्रचार करने के लिए किया जा रहा है।
इस तरह से आप भी ले सकते हैं आउटलेट
“वोकल फॉर लोकल” को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई यह योजना सभी लोगों के लिए आय के अतिरिक्त अवसर सुजित कर रही है। “एक स्टेशन एक उत्पाद” का आउटलेट लेने के लिए सबसे पहले आपको भारतीय रेलवे को आवेदन करना होगा। जिसके बाद रोटेशन के आधार पर आउटलेट का आवंटन किया जाता है।
सबसे पहले इसके आउटलेट का आवंटन 25 मार्च 2022 को शुरू किया गया था। इसके बाद अब तक लगभग सभी बड़े स्टेशनों में एक स्टेशन एक उत्पाद का आउटलेट देखा जा सकता है जहां केवल स्थानीय उत्पादों को बेचा जा रहा है। इससे न केवल खरीदारों को फायदा हो रहा है बल्कि स्थानीय कारीगरों, कुम्हारों, बुनकरों, आदिवासियों आदि का भी कल्याण हो रहा है।
आउटलेट लेने के लिए आवेदक को भारतीय रेलवे के पास एक हजार रुपए जमा करने पर 15 दिनों की अवधि के लिए एक अस्थाई स्टॉल आवंटित किया जाएगा। जिसके बाद रेलवे आवेदक के जोनल रेलवे स्टेशनों, आउटलेट पर बेचे जाने वाले उत्पादों और विक्रेता की पहचान करेगी। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद आवेदक अपने आउटलेट में स्वदेशी और स्थानीय सामानों को बेच सकते हैं।
आउटलेट्स में बेची जा सकेंगी ये चीजें
एक स्टेशन एक उत्पाद योजना के तहत उनके आउटलेट्स में खाद्य पदार्थ, हस्तशिल्प, कलाकृति, कपड़ा, हथकरघा, पारंपरिक वस्त्र, स्थानीय कृषि उपज, स्थानीय खिलौने, चर्म उत्पाद, स्थानीय रत्न और आभूषण आदि बेचे जा सकते हैं। इस योजना के अलावा भारतीय रेलवे ने अमृत भारत स्टेशन योजना की भी घोषणा की है जिसके तहत देशभर के रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया जाना है।
इसके तहत देश भर के 1000 से भी अधिक स्टेशनों के बुनियादी ढांचे का विकास किया जायेगा। साथ ही यात्रियों के लिए तकनीकी सुविधाओं को भी उपलब्ध कराया जाएगा। सभी रेलवे स्टेशनों पर नए फीचर्स वाले प्रतीक्षालय और कैफेटेरिया का निर्माण भी इसमें शामिल है। कुल मिलाकर यात्रियों को एक अच्छा एक्सपीरियंस देने के लिए भारतीय रेलवे लगातार नए उपाय अपना रही है।