क्या चीन का जैविक हथियार है कोरोना? हुआ खुलासा, अमेरिका के हाथ लगे चीन के दस्तावेज
डेस्क: जिस देश में सबसे पहले कोरोना वायरस का जन्म हुआ, वह इसके असर से आज इतना सुरक्षित कैसे है? यह बात सोचने वाली है।
महामारी को फैले हुए लगभग 2 साल हो गए लेकिन फिर भी अभी तक बहुत से देशों में जनजीवन साधारण नहीं हो सका है। विदेशों में तो इसकी दूसरी और तीसरी लहर तक भी आ चुकी है।
लेकिन चीन में केवल 6 से 8 महीने में जनजीवन बिल्कुल पहले जैसी हो गई है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि कहीं सचमें कोरोनावायरस चीन की सोची समझी साजिश तो नहीं?
कहीं यह चीन का बायोवेपन तो नहीं है? इसका जवाब 2015 के घटनाक्रम से जुड़ा हुआ है। आपको बता दें कि 2015 से ही चीन वायरस को हथियार बनाने की कोशिश कर रहा था।
जब पूरा देश वायरस के इतने भयंकर प्रभाव को सपने में भी नहीं सोच सकता था, तब चीन वायरस को हथियार के रूप में उपयोग करने के ऊपर जांच कर रहा था।
शक तब यकीन में बदल गया जब चीनी सैन्य वैज्ञानिकों ने तीसरा विश्वयुद्ध जैविक हथियारों से लड़े जाने की बात की। बताया जा रहा है कि अमेरिकी विदेश विभाग को प्राप्त हुए खुफिया दस्तावेजों के हवाले से यह रिपोर्ट सामने आई है।
कथित दस्तावेजों में कई खुलासे किए गए हैं जिनमें इस बात का भी उल्लेख है कि इस वायरस को कृत्रिम रूप से बदला जा सकता है और इसका उपयोग हथियार के रूप में भी किया जा सकता है।
हालांकि चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने इसे चीन की छवि को खराब करने की एक साजिश बताई है और इस तरह के सभी आरोपों को नकार दिया है।
EXCLUSIVE: Chinese military scientists discussed the weaponisation of SARS coronaviruses five years before the COVID-19 pandemic https://t.co/cGtPZLT2zg @SharriMarkson
— The Australian (@australian) May 7, 2021