आधुनिक भारतीय इतिहास 2014 से शुरू होना चाहिए! : कापिल सिब्बल
डेस्क: नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) द्वारा 12वीं कक्षा की इतिहास की पाठ्यपुस्तकों से कथित तौर पर मुगल शासन के कुछ हिस्सों को हटाने को लेकर उठे विवाद के बीच राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने बुधवार को भाजपा सरकार पर निशाना साधा।
दरअसल, NCERT ने अपनी 12वीं कक्षा की राजनीति विज्ञान और इतिहास की नई पाठ्यपुस्तकों में महात्मा गांधी की हिंदू-मुस्लिम एकता, उनकी हत्या के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर प्रतिबंध लगाने सहित कई संदर्भों को हटा दिया है।
जिसके बाद ट्विटर पर सिब्बल ने टिप्पणी की कि यह निर्णय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के ‘भारत’ के अनुरूप था, जहां ‘आधुनिक भारतीय इतिहास’ 2014 से शुरू होता है। 2014 में केंद्र में भाजपा सरकार सत्ता में आई थी।
एनसीईआरटी के निदेशक ने खबरों को झूठा बताया
2002 के गुजरात दंगों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कुछ हिस्सों को संशोधित संस्करणों से बाहर रखने की रिपोर्टों का उल्लेख करते हुए, पूर्व कांग्रेस नेता ने लिखा “मोदी जी के भारत के अनुरूप आधुनिक भारतीय इतिहास 2014 से शुरू होना चाहिए!”
हालांकि, एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने मंगलवार को समाचार एजेंसी एएनआई को मुगलों के अध्यायों को हटाए जाने की खबरों को झूठा बताया।
यह कहते हुए कि ‘अनावश्यक बोझ’ को हटाने से बच्चों का ज्ञान प्रभावित नहीं होगा, एनसीईआरटी प्रमुख ने कहा कि एक विशेषज्ञ समिति ने मुग़ल शासन से सम्बंधित अध्याय को छोड़ने की सिफारिश की थी।
पहले यह बताया गया था कि उत्तर प्रदेश में राज्य और सीबीएसई बोर्ड स्कूल वर्तमान शैक्षणिक सत्र में नई पाठ्यपुस्तकों को शामिल करेंगे।